जीएसटी संग्रह जून में 56 प्रतिशत बढ़कर 1.44 लाख पहुंचा…

जीएसटी संग्रह जून में 56 प्रतिशत बढ़कर 1.44 लाख पहुंचा…

नई दिल्ली,। आर्थिक गतिविधियों में सुधार और कर चोरी पर सख्ती के बीच जून में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) का सकल संग्रह पिछले साल इसी माह की तुलना में 56 प्रतिशत उछलकर 1,44,616 करोड़ रुपये रहा। ज्यादातर राज्यों में जीएसटी संग्रह की वृद्धि उच्च स्तर के दहाई अंक में रही। इस साल अप्रैल महीने में जीएसटी वसूली 1,67,540 करोड़ रुपये थी।

वित्त मंत्रालय के अनुसार जून 2022 में सकल जीएसटी संग्रह 1,44,616 करोड़ रुपये था। इसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) 25,306 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) 32,406 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) 75,887 करोड़ रुपये रही। आईजीएसटी में 40,102 करोड़ रुपये आयातित वस्तुओं से वसूल हुए हैं। माह के दौरान जीएसटी सेस से 11,018 करोड़ रुपये (इसमें 1,197 करोड़ रुपये आयातित माल से) वसूल हुए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के पांच साल पूरे होने के मौके पर इसे एक बड़ा कर सुधार बताते हुए ट्वीट भी किया। प्रधानमंत्री ने भारत सरकार के नागरिक संपर्क मंच माइगवइंडिया के एक ट्वीट को भी ‘टैग’ किया जिसमें कहा गया है कि जीएसटी ने नए भारत की आर्थिक संरचना को परिभाषित करने और नागरिकों को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाई है। वहीं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक कार्यक्रम में कहा कि जीएसटी संग्रह के लिए 1.4 लाख करोड़ रुपये अब मोटे तौर पर एक निचली सीमा बन चुका है। इसके पहले मई 2022 में जीएसटी राजस्व करीब 1.41 लाख करोड़ रुपये रहा था।

लगातार चौथे महीने ऊंची वसूली

मार्च 2022 से लगातार चौथे महीने जीएसटी वसूली 1.40 लाख करोड़ रुपये से ऊंची रही। जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक कुल पांच महीने जीएसटी संग्रह 1.40 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा।

आधिकारिक बयान में कहा गया कि जून 2022 की वसूली दूसरी सबसे बड़ी मासिक वसूली है। मई 2022 में कुल 7.3 करोड़ ई-वे बिल सृजित किए गए। यह अप्रैल के 7.4 करोड़ रुपये की तुलना में दो प्रतिशत कम है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अप्रैल-जून 2022 के दौरान औसत जीएसटी संग्रह मासिक 1.51 लाख करोड़ रुपये जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि से 37 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल-जून 2021 तिमाही में यह हर माह औसतन 1.10 लाख करोड़ रुपये था।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…