लखनऊ में इंसानी लाल खून का काला कारोबार जारी…
एसटीएफ ने किया खुलासा, जयपुर से आया था 301 यूनिट ब्लड…
मिडलाईफ अस्पताल ब्लड बैंक के मालिक सहित 7 को किया गिरफ्तार…
पुराने लखनऊ के ब्लड बैंक से भारी मात्रा में रक्त और कागज़ात बरामद…
लखनऊ संवाददाता। राजस्थान राज्य के विभिन्न जनपदों से मानव रक्त (पी0आर0बी0सी0) को कूटरचित दस्तावेज़ों के माध्यम से तस्करी कर लखनऊ एवं आस-पास के जनपदों के विभिन्न हास्पिटल, ब्लड बैंक आदि में धोखा-धड़ी कर ब्लड बेचने वाले रैकेट का पर्दाफाश करते हुए सरगना सहित 07 सदस्यों को 302 यूनिट ब्लड बैग के साथ एस0टी0एफ0 द्वारा किया गया गिरफ्तार।
राजस्थान राज्य के विभिन्न जनपदों से मानव रक्त (पी0आर0बी0सी0) को कूटरचित प्रपत्रों के माध्यम से तस्करी कर लखनऊ एवं आस-पास के जनपदों में विभिन्न हास्पिटल, ब्लड बैंक आदि में धोखा-धड़ी कर ब्लड बेचने वाले रैकेट का पर्दाफाश करते हुए सरगना सहित 07 सदस्यों को 302 यूनिट ब्लड बैग सहित गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता प्राप्त की गयी।
गिरफ्तार अभियुक्तों यूपी एसटीएफ के द्वारा असद निवासी दरगाह चौपाटिया, तोप दरवाजा (तस्कर)
नौशाद अहमद निवासी पकरी टोला, थाना रामकोला, जनपद कुशीनगनर। (तस्कर)
3- रोहित निवासी ग्राम पट्टी हमीद, थाना फतेहपुर चैरासी, जनपद उन्नाव। (मिडलाइफ का कर्मचारी),
करन मिश्र निवासी रूकमणीपुरम फैजुल्लागंज मड़ियांव, थाना मड़ियावं, लखनऊ। (टैक्नीशियन मिडलाइफ ब्लड बैंक एवं अस्पताल) मो0 अम्मार निवासी म0नं0 266/737 भदेवा, कोतवाली बाजारखाला, लखनऊ। (मिडलाइफ ब्लड बैंक एवं अस्पताल का मालिक)
6- संदीप कुमार निवासी म0नं0 सी-25, राजीव नगर, कल्याणपुर थाना गुडम्बा, लखनऊ। (टैक्नीशियन नारायणी ब्लड बैंक) और अजीत दुबे निवासी शिवम नगर, इन्द्रलोक कालोनी, थाना कृष्णानगर, लखनऊ। (नारायणी ब्लड बैंक का मालिक) को गिरफ्तार कर
302 यूनिट रेड ब्लड बैग
21 अदद कूटरचित पत्र नारायणी चैरेटेबिल ब्लड बैंक, बाराबिरवा, लखनऊ।
7 अदद मोबाइल फोन,
3 अदद ए0टी0एम0 कार्ड, 3 अदद पैन कार्ड,
4 अदद आधार कार्ड
4 अदद डी0एल0
3 अदद क्रेडिट कार्ड,
9- कार स्विफ्ट डिजायर
कार होण्डा डब्लूआरवी
और 19435/- नगद बरामद किए गए है।
गौरतलब है कि 26-10-2018 एवं 16-09-2021 को एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश द्वारा अवैध तरीके से मानव रक्त (ब्लड) निकाल कर उसको सेलाइन वाटर की मिलावट से दुगना कर बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर असुरक्षित ब्लड एवं कूट रचित दस्तावेजों सहित अभियुक्तो को गिरफ्तार किया गया था। तभी से एस0टी0एफ0 टीम द्वारा ब्लड बैंक के सदस्यों पर सतत् निगरानी की जा रही थी। इस सम्बन्ध में एस0टी0एफ0 की विभिन्न इकाईयों/टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था, जिसके अनुपालन मे, पुलिस उपाधीक्षक, एस0टी0एफ0 प्रमोद कुमार शुक्ला के निर्देशन में एस0टी0एफ0 मुख्यालय टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी। अभिसूचना संकलन के दौरान मु0आ0 कवीन्द्र साहनी को जमीनी स्तर से जानकारी प्राप्त हुई कि जनपद लखनऊ के रहने वाले कुछ लोगों द्वारा संगठित तरीके से बडे़ पैमाने पर गैर प्रातों से ब्लड तस्करी कर लाया जाता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित है। इस प्रकार की तस्करी कूटरचित प्रपत्रों के आधार पर जरुरत मंदो व एजेंटो के माध्यम से लखनऊ व आस पास के जनपदो के ब्लड बैंको तथा हास्पिटलों में सप्लाई किया जाता है। 29 जून को सूचना मिली की बडे़ पैमाने पर ब्लड तस्करी करके राजस्थान राज्य से लाकर लखनऊ स्थित विभिन्न ब्लड बैंको/हास्पिटलो में सप्लाई किया जाना है। इस सूचना पर उपनिरीक्षक संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में मु0आ0 कवीन्द्र साहनी, चन्द्र प्रकाश मिश्र, मो0 जावेद आलम, बरनाम सिंह, आरक्षी मुनेन्द्र सिंह, मु0आ0 कमाण्डो रमाशंकर यादव की टीम गठित कर स्थानीय ड्रग विभाग के सहायक (आयुक्त) औषधि मनोज कुमार व (औषधि) निरीक्षक माधुरी सिंह के साथ मुखबिर के बताये स्थान मिड लाइफ ब्लड बैंक ठाकुरगंज, लखनऊ पर पहॅुच कर अपनी उपस्थिति को छिपाते हुये मुखबिर के साथ इन्तजार करने लगे कि कुछ ही देर में स्वीफ्ट डिजायर कार नं0 यूपी 32 के0बी0 7110 आकर ब्लड बैंक के पास रूकी। मुखबिर ने इशारा कर बताया कि इस गाड़ी में तस्करी कर लाया गया ब्लड है इस पर औषधि विभाग के अधिकारियो के साथ पुलिस की टीम कार में आये व्यक्तियों के क्रिया-कलापों की निगरानी करने लगी तो मिड लाइफ ब्लड बैंक से आकर 2 व्यक्ति कार से 2 बाक्स निकालकर कार से आये दोनों व्यक्तियो के साथ ब्लड बैंक के अन्दर चले गये। इस पर टीम के सभी सदस्यो द्वारा आवश्यक घेराबन्दी कर एक बारगी दबिश देकर चारों व्यक्तियों को पकड़ लिया गया। टीम द्वारा ली गयी तलाशी से ब्लड बैंक के अन्दर लाये गये दोनों गत्तों में ब्लड बैग भरे हुए थे जिसमें मि़त्रा कम्पनी का स्टिकर लगा है परन्तु डोनर का नाम कलेक्शन करने वाले का नाम, एक्सपाइरी डेट आदि अंकित नहीं है। गत्तों में भरे हुए ब्लड बैगों के लिए आवश्यक तापमान की भी व्यवस्था नही थी। औषधि विभाग के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर बताया गया कि ब्लड बैग गत्तों में बे-तरतीब ढंग से ठूसे हुए है, जिनमें कोल्ड चेन भी मेन्टेन नही है और न ही ब्लड बैग के उपर किसी ब्लड बैंक का लेबल लगा है। जिससे स्पष्ट है कि यह अवैध रूप से तस्करी कर लाया गया अवैध ब्लड है। पूछे जाने पर अभियुक्तों ने कूटरचित पटापत्रो के आधार पर राजस्थान से ब्लड लाये जाने की बात बतायी। पकड़े गये नौशाद और असद की निशादेही पर उनकी डिजायर कार से एक कार्टून का गत्ता बरामद हुआ जिसके बारे में पूछने पर बताया कि इस मानव ब्लड बैंक में सप्लाई करना है तथा आज ही कुछ देर पहले नारायणी ब्लड बैंक में 2 कार्टून ब्लड बैग देकर आये है। नौशाद आदि की निशादेही पर नारायणी ब्लड बैंक कृष्णानगर लखनऊ में छापेमारी कर बताये गये ब्लड बैग से भरे हुए दोनों कार्टूनों की बरामदगी कर ब्लड बैंक के मालिक अजीत दूबे व टेक्निशियन संदीप कुमार को अभिरक्षा में लेकर उनसे तथा अन्य सभी अभियुक्तों से विस्तृत पूछताछ की गयी।
अभियुक्त नौशाद द्वारा बताया गया कि राम चन्द्रा इस्टिट्यूट आफ पैरामेडिकल साइंस प्रयागराज से डीएमएलटी की डिग्री प्राप्त कर वर्ष-2018 में अम्बिका ब्लड बैंक जोधपुर में लैब टेक्नीशियन के पर कुछ माह काम किया था इसी दौरान राजस्थान के विभिन्न ब्लड बैंको के चिकित्सक, टेक्नीनीशियन आदि के सम्पर्क में आया तो पता चला कि चैरेटेबिल ट्रस्टों द्वारा संचालित ब्लड बैंको द्वारा समय समय पर ब्लड डोनेशन कैम्प लगाकर ब्लड बैग एकत्र किये जाते है। एकत्रित ब्लड बैंगों में अधिकांश की एन्ट्री ब्लड बैंक के अभिलेखों में न कर उन्हे तस्करो के माध्यम से अधिक कीमत लेकर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर विभिन्न प्रान्तो में बेच दिया जाता है जिसमें भारी मुनाफा होता है। इसी कारण वह भी अवैध ब्लड की तस्करी के व्यवसाय में संलिप्त हो गया। राजस्थान केे, तुलसी ब्लड बैंक जयपुर, पिन्क सिटी ब्लड बैंक जयपुर, रेड ड्राॅप ब्लड सेन्टर जयपुर, गुरूकुल ब्लड सेन्टर जयपुर, ममता ब्लड बैंक चैमू, दुषात ब्लड बैंक, चैमू, मानवता ब्लड बैंक सीकर, शेखावटी ब्लड बैंक चुरू के टेक्नीशियनों के माध्यम से 700-800 रूपये में ब्लड बैग खरीदकर विगत 2 वर्ष से निरन्तर लखनऊ बहराइच, उन्नाव, हरदोई, आदि जनपदों के विभिन्न ब्लड बैंको मेे कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर ब्लड बैगो की सप्लाई देता है। इसी क्रम में मिड लाइफ ब्लड बैंक ठाकुरगंज लखनऊ, नारायणी ब्लड बैंक कृष्णानगर लखनऊ व मानव ब्लड बैंक, कृष्णानगर, लखनऊ की डिमाण्ड पर 302 ब्लड बैग जयपुर से लेकर आया है और ब्लड बैग सप्लाई करने के दौरान पकड़ लिया गया।
नौशाद आदि द्वारा यह भी बताया गया कि मिड लाइफ, नारायणी, एवं मानव ब्लड बैंक के अलावा लखनऊ चैरेटेबिल ब्लड बैंक बर्लिगटन चैराहा लखनऊ में भी ब्लड बैग सप्लाई देता है। इसके अतिरिक्त यूनिवर्सल ब्लड बैंक संडिला हरदोई, आभा ब्लड बैंक जनपद फतेहपुर, माॅ अन्जली ब्लड बैंक कानपुर, हसन ब्लड सेन्टर बहराइच तथा सिटी चैरेटेबिल ब्ल्ड बैंक उन्नाव में भी इसी प्रकार के ब्लड की सप्लाई देता है। मानव ब्लड बैंक, कृष्णा नगर, लखनऊ को डा0 पंकज त्रिपाठी चलाते हैं, जो मिडलाइफ ब्लड बैंक में मेडिकल आफिसर भी हैं। संदीप सिंह मानव ब्लड बैंक में भी टेक्नीशियन को तौर पर काम करता है, जिसके द्वारा की गयी डिमाण्ड पर ब्लड बैग की खेप लायी गयी। गिरफ्तार किए गए खून के सौदागरों के विरूद्ध थाना ठाकुरगंज, कमिश्नरेट, लखनऊ मेें धारा 419/420/467/468/471/274/275 भादवि एवं औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधि0 1940 की धारा 18ए/27 का मकदमा दर्ज कराया गया है। सूत्र बता रहे हैं कि इंसानी लाल खून के काले कारोबार का मकड़जाल पुराने लखनऊ में खुले तमाम और प्राइवेट अस्पतालों में चल रहा है जहां से जरूरतमंद मरीजों को खून सौदागरो के द्वारा मिलावटी खून मनमानी कीमत में बेचा जाता है । सूत्र बता रहे हैं कि मिडलाइफ अस्पताल के आसपास भी कई ऐसे अस्पताल है जहां इस तरह का इंसानी जानों से खिलवाड़ करने वाला काला कारोबार चल रहा है । बाहरहाल एसटीएफ के द्वारा की गई इस कार्यवाही के बाद मिलावटी खून कारोबार से जुड़े कारोबारियों में हड़कंप मच गया है और ऐसे और कारोबारियों के चेहरे भी एसटीएफ की टीम बेनकाब कर सकती है । एसटीएफ के द्वारा गिरफ्तार किए गए 7 लोगों से पूछताछ के बाद बड़े खुलासे होने की भी उम्मीद जाहिर की जा रही है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…