बिडेन ने फिनलैंड और स्वीडन के साथ तुर्की के समझौते का स्वागत किया…
वाशिंगटन, 29 जून। तुर्की ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए स्वीडन और फिनलैंड के नाटो में शामिल होने के विरोध को समाप्त करने के लिए सहमति जता दी है। यह फैसला स्पेन की राजधानी मैड्रिड में आयोजित शीर्ष स्तरीय वार्ता के बाद लिया गया। रूस द्वारा यूक्रेन पर हो रहे लगातार हमलों के बीच स्वीडन और फिनलैंड के लिए यह राहत देने वाली खबर है। फिनलैंड के राष्ट्रपति सौली नीनिस्टो ने कहा कि तीनों देशों के नेताओं ने मंगलवार को बातचीत के बाद एक संयुक्त समझौते पर हस्ताक्षर किए। वहीं, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि तुर्की को फिनलैंड और स्वीडन से जो चाहिए था वो मिल गया है।
बयान के अनुसार दोनों नार्डिक देश यानी फिनलैंड और स्वीडन ‘पीकेके और अन्य कुर्द आतंकवादी समूहों के खिलाफ लड़ाई में तुर्की के साथ पूरी तरह से सहयोग करने पर सहमत हुए। इसके साथ दोनों देश तुर्की को हथियारों की डिलीवरी पर लगाए गए अपने प्रतिबंध को हटाने के लिए भी सहमत हुए हैं, जो सीरिया में तुर्की द्वारा 2019 में किए गए सैन्य घुसपैठ के जवाब में लगाए गए थे। बता दें कि शिखर सम्मेलन की शुरुआत 18वीं सदी के मैड्रिड के रायल पैलेस में स्पेन के राजा फेलिप षष्टम द्वारा आयोजित नेताओं के रात्रिभोज के साथ हुई थी।
फिनलैंड के राष्ट्रपति सौली नीनिस्टो ने कहा कि तुर्की ने फिनलैंड और स्वीडन की नाटो सदस्यता का समर्थन करने के लिए सहमति जता दी है, जिससे गठबंधन में शामिल होने वाले दोनों देशों के लिए एक बड़ी बाधा दूर हो गई है। नीनिस्टो ने एक बयान में कहा कि इस मामले पर तुर्की, फिनलैंड और स्वीडन ने मैड्रिड में एक संयुक्त ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा, ‘नाटो में हमारे शामिल होने के ठोस कदमों पर अगले दो दिनों के दौरान नाटो के सहयोगी सहमत होंगे।’ नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि उन्हें ‘विश्वास’ है कि फिनलैंड और स्वीडन त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद सफलतापूर्वक नाटो में शामिल हो सकेंगे।
वार्ता के बाद, नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा, ‘अब हमारे पास एक समझौता है जो फिनलैंड और स्वीडन के नाटो में शामिल होने का मार्ग प्रशस्त करता है।’ स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि यह बैठक मौजूदा अप्रत्याशित दुनिया में गठबंधन के लिए एक खाका तैयार करेगी। स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि नाटो के 30 सदस्यों में से सिर्फ नौ सदस्य रक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का 2 प्रतिशत खर्च करने के संगठन के लक्ष्य को पूरा करते हैं। स्पेन सिर्फ अपने सकल घरेलू उत्पाद का आधा प्रतिशत हिस्सा ही खर्च करता है। बता दें कि बुधवार और गुरुवार हुए बैठकों में रूस के खिलाफ सुरक्षा को मजबूत करना और यूक्रेन का समर्थन करना ही सबसे प्रमुख एजेंडा रहा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने फिनलैंड, स्वीडन और तुर्की को एक समझौते पर पहुंचने के लिए बधाई दी है। जो बाइडन ने कहा, ‘मैं एक त्रिपक्षीय ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने पर तुर्की, फिनलैंड और स्वीडन को बधाई देता हूं, जो मित्र राष्ट्रों के लिए मैड्रिड शिखर सम्मेलन में नाटो में शामिल होने के लिए फिनलैंड और स्वीडन को आमंत्रित करने का मार्ग प्रशस्त करता है।’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने फिनलैंड के राष्ट्रपति सौली निनिस्टो और स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन की व्हाइट हाउस यात्रा को याद किया और कहा कि वे उनकी सदस्यता का पुरजोर समर्थन करते हैं।
बाइडन ने आगे कहा, ‘दोनों देशों की सदस्यता नाटो की सामूहिक सुरक्षा को मजबूत करेगी और पूरे ट्रान्साटलांटिक गठबंधन को लाभ पहुंचाएगी।’ बाइडन ने आगे कहा, ‘मैं नाटो महासचिव स्टोलटेनबर्ग, हमारे सहयोगियों और कांग्रेस के साथ काम करने के लिए तत्पर हूं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम उन्हें अपने गठबंधन में जल्दी से स्वागत कर सकें।’
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…