खेदजनक है कि अब भी लीबिया में चुनाव कराने के लिए संवैधानिक आधार पर कोई समझौता नहीं हुआ है : भारत…
संयुक्त राष्ट्र, 28 जून। भारत ने कहा कि यह खेदजनक है कि अब भी लीबिया में चुनाव कराने के लिए संवैधानिक आधार पर कोई समझौता नहीं हो पाया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर आर. मधुसूदन ने कहा कि अभी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव जल्द से जल्द स्वतंत्र, निष्पक्ष, समावेशी एवं विश्वसनीय तरीके से हों।
मधुसूदन ने लीबिया पर सुरक्षा परिषद की एक बैठक में सोमवार को कहा कि भारत इस बात पर चिंता व्यक्त करना चाहता है कि युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर के बाद हासिल हुई प्रगति के न केवल रुकने का खतरा है, बल्कि यह इस बात का भी संकेत है कि इस पर पश्चगामी होने का खतरा भी मंडरा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम त्रिपोली और उसके आसपास सशस्त्र संघर्षों तथा सशस्त्र समूहों की लामबंदी की खबरों पर चिंता व्यक्त करते हैं।’’
मधुसूदन ने कहा, ‘‘यह भी बेहद खेदजनक है कि चुनाव कराने के लिए संवैधानिक आधार पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है।’’ भारत ने अपनी बात रखते हुए इस तथ्य पर जोर दिया कि लीबिया के प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष अगुइला सालेह और ‘हाई काउंसिल ऑफ स्टेट’ के अध्यक्ष खालिद अल-मिश्री 28-29 जून को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में चुनाव कराने के वास्ते संवैधानिक ढांचे के मसौदे पर चर्चा करने के लिए मिलने वाले हैं।
मधुसूदन ने कहा, ‘‘हम सभी संबंधित पक्षों से आग्रह करते हैं कि वे लीबिया के लोगों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए बाकी बचे सभी राजनीतिक मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की कोशिश करें। हमें उम्मीद है कि देश में शांति तथा स्थिरता बनाए रखने के लिए सभी पक्ष मिलकर काम करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस संबंध में, हम एक बार फिर राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव जल्द से जल्द कराने के महत्व पर जोर देते हैं। चुनाव कराने के लिए एक बड़ी उपलब्धि हासिल किए लगभग आधा साल बीत चुका है, जितना समय खुद लीबियाई लोगों ने तय किया था। यह बेहद जरूरी है कि गतिरोध को जारी न रहने दिया जाए।’’
भारत ने इस बात पर जोर दिया कि अभी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव जल्द से जल्द स्वतंत्र, निष्पक्ष, समावेशी एवं विश्वसनीय तरीके से कराए जाएं। मधुसूदन ने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि लीबिया में सभी पक्ष इस साझा उद्देश्य के लिए एकसाथ आएंगे। सुरक्षा परिषद और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे चुनाव की तैयारी के लिए लीबिया के लोगों का साथ दें। किसी भी प्रकार की हिंसा 2020 के बाद से इस क्षेत्र में हासिल प्रगति को कमजोर कर सकती है।’’
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…