चोगम: जयशंकर ने महत्वपूर्ण चुनौतियों के सामूहिक समाधान के महत्व को रेखांकित किया…
किगाली (रवांडा), 23 जून। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को भारतीय लोकतंत्र की सराहना की जो राष्ट्रमंडल के लिए कई उदाहरण पेश करता है। इसके साथ ही उन्होंने कोविड बाद की चुनौती, जलवायु परिवर्तन तथा वैश्विक संघर्षों सहित महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामूहिक रूप से समाधान करने के महत्व को रेखांकित किया। लोकतंत्र, शांति और शासन के विषय पर राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक (चोगम) के विदेश मंत्रियों के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत का डिजिटल आधार विशेष रूप से प्रासंगिक है।
जयशंकर 24-25 जून को राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने कहा, “भारत- दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र- राष्ट्रमंडल के लिए कई उदाहरण प्रस्तुत करता है।” वह चोगम में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसे पूर्व में कोविड-19 महामारी के कारण दो बार स्थगित कर दिया गया था। जयशंकर ने ट्वीट किया, “कोविड के बाद की चुनौती, जलवायु परिवर्तन और जारी वैश्विक संघर्षों सहित हमारे समय की महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामूहिक रूप से समाधान करने के महत्व को रेखांकित किया।” छब्बीसवें चोगम शिखर सम्मेलन का विषय ‘एक साझा भविष्य प्रदान करना: जुड़ाव, सुधार, परिवर्तन’ है।
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि राष्ट्रमंडल सदस्य देशों के नेता जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य मुद्दों जैसी वैश्विक चुनौतियों सहित मौजूदा प्रासंगिक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। इसने कहा था कि इसके अलावा बैठक में बाल देखभाल और संरक्षण सुधार पर किगाली घोषणा, सतत शहरीकरण पर घोषणा सहित कई दस्तावेजों को अपनाए जाने की भी संभावना है। बयान में कहा गया था कि अपनी इस यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री के राष्ट्रमंडल सदस्य देशों के अपने समकक्षों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद है।
भारत राष्ट्रमंडल में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है और उसने तकनीकी सहायता एवं क्षमता निर्माण के माध्यम से संगठन की सहायता की है। वर्ष 2018 में भारत ने ‘राष्ट्रमंडल विंडो’ के निर्माण की घोषणा की थी जो राष्ट्रमंडल के विकासशील देशों को विकास परियोजनाओं और सहायता के लिए पांच करोड़ डॉलर समर्पित करती है। जुलाई 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवांडा की ऐतिहासिक यात्रा की थी और यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पूर्वी अफ्रीकी देश की पहली यात्रा थी।
रवांडा में भारतीय उच्चायोग की वेबसाइट के अनुसार, रवांडा में लगभग 3,000 भारतीय नागरिक और पीआईओ (भारतीय मूल के व्यक्ति) हैं। रवांडा की एकमात्र चीनी रिफाइनरी, देश की एकमात्र आधुनिक कपड़ा मिल के साथ-साथ एक साबुन एवं कॉस्मेटिक फैक्टरी के मालिक भारतीय मूल के व्यक्ति हैं। वेबसाइट के अनुसार, रवांडा में चाय क्षेत्र में भारत की कोलकाता स्थित असम लक्ष्मी टी कंपनी द्वारा निवेश किया जाता है। टीवीएस मोटरबाइक रवांडा में काफी लोकप्रिय हैं। एयरटेल रवांडा, रवांडा में दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों में से एक है। सहस्र लाइटिंग भी एलईडी लाइटिंग और सौर पैनल की आपूर्ति में प्रमुख भूमिका निभा रही है।
इस में कहा गया है कि रवांडा सरकार का भारतीय समुदाय के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण है और 1994 के जनसंहार के दौरान कोई भी भारतीय नागरिक हताहत नहीं हुआ था। वेबसाइट के मुताबिक, रवांडा की अर्थव्यवस्था में भारतीय समुदाय की सकारात्मक भूमिका की रवांडा सरकार ने सराहना की है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…