शहरी सहकारी बैंकों को संतुलित विकास पर ध्यान देने, आधुनिक बैंक प्रणाली अपनाने की जरूरत: शाह…
नई दिल्ली, 23 जून। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि शहरी सहकारी बैंकों को प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिये संतुलित विकास पर ध्यान देने और बैंक की आधुनिक व्यवस्था अपनाने की जरूरत है।
उन्होंने शहरी सहकारी बैंकों में सुधारों पर जोर दिया। साथ ही उन्हें संरचनात्मक बदलाव लाने, लेखांकन प्रक्रियाओं को कम्प्यूटरीकृत बनाने और इस क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करने को कहा।
शाह ने कहा कि वर्तमान में जमा और कर्ज के मामले में बैंक क्षेत्र में शहरी सहकारी बैंकों की भूमिका नगण्य है।
उन्होंने कहा, ‘‘अभी 1,534 शहरी सहकारी बैंक और 54 अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक हैं… लेकिन विकास असंतुलित है। हमें शहरी सहकारी बैंकों के संतुलित विकास की जरूरत है।’’
मंत्री ने कहा कि सहकारी बैंकों में संतुलित विकास से उन्हें भविष्य में प्रतिस्पर्धा में बने रहने में मदद मिलेगी।
शाह ने परिचालन के 100 साल पूरा करने वाले कई शहरी सहकारी बैंकों को सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम में सहकारिता राज्य मंत्री बी एल वर्मा, नेशनल फेडरेशन ऑफ अर्बन कोऑपरेटिव बैंक्स एंड क्रेडिट सोसाइटीज (एनएएफसीयूबी) के अध्यक्ष ज्योतिंद्र मेहता और सहकारिता सचिव ज्ञानेश कुमार मौजूद थे।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…