मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने से रोकने के अपने कदम का चीन ने किया बचाव…
बीजिंग, 17 जून। चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को रोकने के अपने कदम का शुक्रवार को बचाव किया।
चीन ने कहा कि उसका यह कदम संबद्ध प्रक्रिया एवं नियमों के अनुरूप है।
मक्की, लश्कर ए तैयबा के सरगना एवं मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का करीबी रिश्तेदार है।
भारत और अमेरिका ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल और अल कायदा प्रतिबंध समिति’ के तहत मक्की को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए संयुक्त प्रस्ताव लाए थे, लेकिन पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने आखिरी क्षणों में इसे रोक दिया।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, ‘‘मैं कहना चाहूंगा कि चीन आतंकवाद के सभी स्वरूपों का विरोध करता है और यूएनएससी में 1267 समिति में हमारे द्वारा की जाने वाली कार्रवाई ने हमेशा ही संबद्ध प्रक्रिया एवं नियमों का पालन किया है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘चीन एक रचनात्मक और जिम्मेदाराना रवैये के साथ अपना कार्य जारी रखेगा।’’
हालांकि, उन्होंने विशेष रूप से प्रक्रिया और नियमों के बारे में विस्तार से बताने के लिए आग्रह करने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं चीन का रुख पहले ही स्पष्ट रूप से साझा कर चुका हूं। मैं उससे पीछे नहीं हटूंगा। ’’
वहीं, नयी दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने कहा कि चीन का यह फैसला आतंकवाद का मुकाबला करने के उसके दावे के विपरीत है और उसके ‘‘दोहरे मापदंड’’ का संकेत देता है।
सूत्रों ने कहा कि ऐसे खूंखार आतंकवादियों को प्रतिबंधों से बचाना न केवल चीन की साख को कमजोर करेगा, बल्कि आतंकवाद के बढ़ते खतरे के बीच उसे भी इस ‘जोखिम’ का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि मक्की, भारत खासकर जम्मू-कश्मीर, में हिंसा और हमलों को अंजाम देने के लिए योजना बनाने, धन जुटाने, गुर्गों की भर्ती करने और युवकों को कट्टरपंथी बनाने जैसे कृत्य में संलिप्त रहा है।
बीजिंग में, यह पूछे जाने पर कि क्या मक्की पर चीन के इस कदम से भारत और उसके (चीन के) बीच मतभेद पैदा होगा, वेनबिन ने कहा , ‘‘मैं चीन का रुख पहले ही बता चका हूं और जहां तक चीन-भारत संबध की बात है, हमारा रुख स्पष्ट और पहले जैसा है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारत और चीन साथ मिल कर काम कर सकते हैं और संबंधों को अधिक मजबूत तथा स्थिर बना सकते हैं। ’’
इससे पहले भी, चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादियों को प्रतिबंधित सूची में डालने की भारत और इसके सहयोगियों की कोशिशों को बाधित किया है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…