डब्ल्यूटीओ में मत्स्यपालन सब्सिडी समझौता, कोविड टीकों के लिए पेटेंट छूट पर बनी सहमति…
जिनेवा/नई दिल्ली, 17 जून। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य देशों के बीच दो दिन तक चले गहन विचार-विमर्श के बाद कोविड-19 टीकों के लिए अस्थायी पेटेंट छूट पर सहमति बनी और मत्स्यपालन के लिए मिलने वाली नुकसानदायक सब्सिडी को लेकर समझौता हो गया।
इसमें, वस्तुओं के इलेक्ट्रॉनिक स्थानांतरण पर सीमाशुल्क पर रोक लगाने के मुद्दे का समाधान डब्ल्यूटीओ के अगले मंत्रिस्तरीय सम्मेलन तक या मार्च 2024 तक खोजने पर भी सहमति बनी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कुल मिलाकर सब अच्छा ही रहा।’’
डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश नौ साल के अंतराल के बाद किसी समझौते पर एकमत हुए हैं। 12 जून से शुरू हुई बातचीत चार दिन तक चली। इसका समापन शुक्रवार को हुआ।
इससे पहले, 2013 में बाली में हुई मंत्रिस्तरीय बैठक में सदस्य देशों ने व्यवसाय को सुगम बनाने, दुनियाभर की सीमाओं से वस्तुओं की निर्बाध आवाजाही के लिए एक समझौता किया था।
मत्स्यपालन समझौते पर बीते दो दशक से भी अधिक समय से विचार चल रहा था। आवश्यकता से अधिक मछली पकड़ना, अवैध, गैर-सूचित और अनियमित तरीके से मछली पकड़ने पर सब्सिडी खत्म करने के लिए समझौता हो गया है।
गोयल ने कहा, ‘‘काफी समय से लंबित मुद्दे अच्छे निष्कर्ष पर पहुंचे हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारत ने मछुआरों और किसानों के हितों की पूरी तरह से रक्षा की है।
सदस्य देश कोविड-19 टीकों के विनिर्माण पर पांच साल के लिए अस्थायी पेटेंट छूट देने पर सहमत हो गए हैं। इसके तहत, कोई भी देश मूल निर्माता से मंजूरी लिए बगैर टीके के उत्पादन के लिए किसी घरेलू विनिर्माता को अनिवार्य लाइसेंस जारी कर सकेगा। इसके अलावा उन टीकों के निर्यात की मंजूरी देने पर भी निर्णय हुआ।
वैश्विक महामारियों को लेकर डब्ल्यूटीओ की प्रतिक्रिया के रूप में सदस्य देश एक घोषणा-पत्र लाने को राजी हुए। डब्ल्यूटीओ ने संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम में खाघान्न की आपूर्ति नहीं रोकने के प्रस्ताव को भी अंतिम रूप दिया।
गोयल ने बताया कि 12 जून से लेकर लगातार विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श चलता रहा और इसी के चलते सात साल के बाद आठ मुद्दों पर निष्कर्ष दस्तावेज जारी हो सके। उन्होंने कहा, ‘‘सभी सोच रहे थे कि यह एक विफल बैठक है। कुछ देश बहुपक्षवाद की प्रासंगतिकता को लेकर भी चिंतित थे, काफी समय से लंबित मुद्दों पर प्रगति हुई है। आज कोई मुद्दा नहीं बचा है।’’
उन्होंने कहा कि भारत ने अनाज के सार्वजनिक भंडारण के लिए किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘‘मछुआरों के मुद्दों की हमने रक्षा की। हमने खाद्य सुरक्षा और महामारी के प्रति डब्ल्यूटीओ की प्रतिक्रिया के बारे में अहम निर्णय लिए और ई-वाणिज्य व्यापार पर एक तय समयसीमा के साथ सीमा-शुल्क पर रोक पर भी सहमति बनी।’’
गोयल ने कहा, ‘‘ट्रिप्स छूट के विषय पर, हमने पूरी छूट देने की मांग की थी लेकिन यह नवोन्मेष का मुद्दा है जिसका सम्मान किया जाना चाहिए। इस पर एक संतुलित निर्णय हुआ है। देश टीकों का विनिर्माण कर पाएंगे। इस निर्णय से हर कोई सहमत है।’’
डब्ल्यूटीओ की महानिदेशक नगोजी ओकोंजो-इवेला ने कहा, ‘‘जो समझौते हुए हैं वह दुनियाभर के लोगों की जिंदगियों में बदलाव लेकर आएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘निष्कर्ष यह दिखाता है कि डब्ल्यूटीओ मौजूदा दौर की आपात परिस्थितियों से निपटने के काबिल है।’’
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…