फ्रांस में संसदीय चुनाव के लिए कम मतदान से मैक्रॉन की बढ़ी चुनौती…
पेरिस, 13 जून। फ्रांस में रविवार को संसदीय चुनाव के लिए मतदान हो रहा है और दोपहर तक 4 करोड़ 87 लाख मतदाताओं में से केवल 18 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इस चुनाव को बहुमत की आस लगाए बैठे राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रॉन के लिए परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है। मैक्रॉन के गठबंधन को वामपंथी गठबंधन से कड़ी चुनौती मिल रही है।
फ्रांस की नेशनल असेंबली की 577 सीटों के लिए हो रहे पहले चरण के चुनाव में 6 हजार से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं। इस चरण में सबसे अधिक मत हासिल करने वाले उम्मीदवार 19 जून को होने वाले दूसरे दौर में पहुंच जाएंगे, जिसमें हार-जीत का फैसला होगा।
मई में मैक्रॉन के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद उनका मध्यमार्गी गठबंधन इस चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल करना चाहता है, ताकि वह अपने चुनावी वादों को पूरा कर सके। इन चुनावी वादों में करो में कटौती और सेवानिवृत्ति की आयु 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष करना शामिल है। हालांकि, चुनाव पूर्व सर्वेक्षण बताते हैं कि मैक्रॉन और उनके सहयोगियों को बहुमत हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है।
ताजा सर्वे के अनुसार, इस चुनाव में धुर वामपंथी नेता ज्यां-लुस मेलेंकोन के नेतृत्व वाले गठबंधन के 200 से अधिक सीटें जीतने का अनुमान है। हालांकि उसके भी बहुमत के आंकड़े से थोड़ा पीछे रहने की संभावना है। वहीं, मैक्रॉन और उनके सहयोगियों को 260 से 320 सीटों पर जीत मिल सकती है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…