केआईयूजी: जिमनास्टिक में सभी पांच स्वर्ण पदक जीतने के बाद संयुक्ता की नजरें पेरिस ओलंपिक पर…
अंबाला, 08 जून। महाराष्ट्र की जिमनास्ट संयुक्ता काले ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स में लयबद्ध जिमनास्टिक में सभी पांच स्वर्ण पदक हासिल किये। 16 वर्षीया ने संयुक्ता ने टेनिस, फुटबॉल और क्रिकेट सहित कई लोकप्रिय खेलों में हाथ आजमाया। लेकिन फिर, उन्होंने लयबद्ध जिमनास्टिक को अपनाया।
संयुक्ता ने कहा, जहां तक मुझे याद है, मुझे पता था कि मैं खेलों में रहना चाहती हूं। एकमात्र अड़चन यह थी कि मुझे नहीं पता था कि कौन सा खेल है। अंत में मेरी खोज लयबद्ध जिमनास्टिक पर रूकी। यह जादू की तरह था। मैं उसके बाद किसी अन्य खेल के बारे में नहीं सोच सकती थी। संयुक्ता की मां अर्चना काले काफी खुश थीं। उन्होंने कहा, हम उनसे अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन यह वास्तव में हमारी उम्मीदों से परे है।
संयुक्ता का मानना है कि अभी तो यह शुरुआत है। उनका पहला लक्ष्य भारतीय टीम में शामिल होना है और उसके बाद अंतिम लक्ष्य 2024 में पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है। उन्होंने कहा, हां, पहले कॉमनवेल्थ गेम्स, फिर एशियन चैंपियनशिप, वर्ल्ड चैंपियनशिप और आखिर में पेरिस ओलंपिक।
उनकी यात्रा लंबी और कठिन रही है, लेकिन संयुक्ता को इस बात का कोई मलाल नहीं है कि उन्होंने खेल के लिए कितना समय दिया है। उन्होंने कहा, मैंने अपना सारा समय जिम्नास्टिक के लिए समर्पित कर दिया है। आज मैं जो जिम्नास्ट हूं, उसमें भी काफी मेहनत की गई है। उन्होंने कहा, मैंने जितने भी पदक जीते हैं, उसके लिए मैं अपने गुरु पूजा सुर्वे का शुक्रिया अदा करती हूं। उन्होंने मुझे केवल एक चैंपियन के रूप में सम्मानित किया है।
महाराष्ट्र जिम्नास्टिक टीम के कोच प्रवीण धागे ने कहा, संयुक्ता एक होनहार एथलीट हैं। वह दूर तक टिकेंगी। वह देश के लिए पदक की एक बड़ी संभावना है। धागे ने कहा, रिदमिक जिम्नास्टिक में रस्सी, घेरा, गेंद, क्लब और रिबन शामिल हैं। उनमें से प्रत्येक को बहुत अधिक चपलता की आवश्यकता होती है और संयुक्ता ने उन पर महारत का प्रदर्शन किया। उसका कोई भी सह-प्रतियोगी उसके करीब भी नहीं आ सका।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…