रणजी ट्रॉफ़ी में पिंक बॉल से डे-नाइट मुक़ाबले होते देखेंगे : करुण नायर…
बेंगलुरु, 06 जून। टेस्ट क्रिकेट में कई टॉप टीमें लगातार अंतराल पर पिंक बॉल से मैच खेलने लगी हैं। ऑस्ट्रेलिया ने 2015-16 से हर सीजन में कम से कम एक पिंक बॉल टेस्ट मैच खेला है। ऐसे में गुलाबी गेंद के साथ अभ्यास करना और दूधिया रोशनी से अनुकूल होना अहम हो जाता है। भारत ने अब तक तीन पिंक बॉल टेस्ट मैच का आयोजन किया है। लेकिन फर्स्ट क्लास के सबसे बड़े टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी में अब तक एक भी डे-नाइट मैच नहीं खेला गया है। इससे पहले, केवल दलीप ट्रॉफ़ी (जो अब रद्द कर दी गई है) में 2016, 2017 और 2018 के बीच 12 पिंक बॉल मुक़ाबले खेले गए थे। रणजी ट्रॉफ़ी 2022 के क्वार्टर-फाइनल से पहले कर्नाटक के सीनियर बल्लेबाज और टेस्ट क्रिकेट में भारत की ओर से नाबाद तिहरा शतक ठोकने वाले करुण नायर को उम्मीद है कि आगे आने वाले वर्षों में रणजी ट्रॉफी में भी पिंक बॉल से डे-नाइट मुकाबले खेले जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘आने वाले वर्षों में हम इन मैचों को नियमित तौर पर आयोजित होते देखेंगे। भारत में और डे-नाइट टेस्ट मैच खेले जाएंगे। मुझे भरोसा है कि हमें रणजी ट्रॉफी में भी डे-नाइट मैच खेलने को मिलेंगे।’ बंगाल के कप्तान अभिमन्यु ईश्वरन भी प्रत्येक सीजन में कुछ डे-नाइट मैच के आयोजन को लेकर सकारात्मक हैं। उनका मानना है कि इससे राष्ट्रीय टीम में चुने जाने वाले खिलाड़ियों को बेहतर अभ्यास करने का अवसर मिलेगा क्योंकि पिंक बॉल टेस्ट मैच नियमित रूप से खेले जा रहे हैं। ईश्वरन ने कहा, ‘बीसीसीआई हर सीजन में एक या दो पिंक बॉल मैच आयोजित करने पर विचार कर सकता है। वह इसलिए कि अगर कोई खिलाड़ी भारतीय टीम के लिए चुना जाता है तो उसे इस गेंद के ख़िलाफ खेलने का अनुभव मिलेगा। अगर भारत हर सीरीज में एक डे-नाइट मैच खेलने जा रहा है तो हर साल एक या दो मैच (रणजी ट्रॉफी में) खेले जा सकते हैं।’
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…