चीन ने दक्षिण चीन सागर के ऊपर ऑस्ट्रेलियाई विमान की सुरक्षा को खतरा पैदा किया…

चीन ने दक्षिण चीन सागर के ऊपर ऑस्ट्रेलियाई विमान की सुरक्षा को खतरा पैदा किया…

बीजिंग, 05 जून। ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को कहा कि दक्षिण चीन सागर (एससीएस) के ऊपर उसके एक समुद्री निगरानी विमान की सुरक्षा को चीनी लड़ाकू विमान की घातक कलाबाजी के कारण खतरा पैदा हो गया।

ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर जारी बयान में कहा कि यह घटना गत 26 मई की है जब अंतरराष्ट्रीय वायु क्षेत्र में चीनी वायुसेना के विमान जे-16 ने नियमित गश्त पर गये उसके समुद्री निगरानी विमान पी-8ए पोसाइडन को खतरनाक ढंग से बाधित किया।

विमान को बाधित करने की इस कार्रवाई का नतीजा आसमान में ‘घातक’ कलाबाजी के रूप में दिखा जिससे पी-एस विमान और इसके चालक दल की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया।

इस कथित घटना पर रविवार को बीजिंग की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले अमेरिका के ईपी-3 निगरानी विमान और चीनी नौसेना के एक विमान के बीच वर्ष 2001 में टक्कर हो गई थी जिसमें चीनी पायलट की मौत हो गई थी। इसके बाद चीन ने अमेरिकी विमान के चालक दल को 10 दिन तक हिरासत में रखा था।

ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच संबंध पिछले कई सालों से बहुत खराब हैं। आस्ट्रेलिया की ओर से अपने घरेलू मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को लक्ष्य करके कानून बनाने के बाद से बीजिंग ने व्यापार संबंधी अवरोध उत्पन्न करने के साथ ही उच्च स्तरीय बातचीत से इनकार कर दिया है।

ऑस्ट्रेलिया और अन्य देश चीन को दक्षिण प्रशांत महासगर में रोकना चाहते हैं। सोलोमन द्वीप के साथ बीजिंग के सुरक्षा समझौते का परिणाम यह हो सकता है कि चीनी सैनिक और पोत इस द्वीपीय देश में अपना स्थायी अड्डा बना सकते हैं। यह द्वीप ऑस्ट्रेलियाई तट से महज 2100 किलोमीटर दूर है।

सीमावर्ती इलाकों और समुद्र में भारत, कनाडा, अमेरिका और फिलीपींस के विमानों, पोतों और सैनिकों को लक्ष्य करके चीनी सेना के बढ़ते आक्रामक तेवर के बीच पिछले महीने यह घटना हुई।

इसके पहले फरवरी में ऑस्ट्रेलिया ने कहा था कि चीन के नौसैनिक पोत ने उसके एक पी-8ए पोसाइडन विमान पर लेजर से हमला किया, जिससे चालक दल की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया।

चीन दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है और रणनीतिक महत्व के जलमार्ग के कुछ हिस्सों पर अपने दावे के साथ अन्य देशों के खिलाफ लगातार दबाव बना रहा है। इसमें मानव निर्मित द्वीपों पर सैन्य सुविधाओं का निर्माण और मछली पकड़ने के विदेशी जहाजों के परिचालन और वायु क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय समुद्र में सैन्य अभियानों में खलल डालना शामिल है।

इस साल की शुरुआत में अमेरिका के इंडो-पैसिफिक कमांडर एडम जॉन सी एक्विलिनो ने कहा था कि चीन ने अपने कम से कम तीन द्वीपों का पूरी तरह से सैन्यीकरण कर दिया है। चीन इन द्वीपों को पोत-रोधी और विमान-रोधी मिसाइल प्रणाली, लेजर, जैमिंग उपकरण और सैन्य विमान से लैस किया है। हालांकि, अमेरिका और उसके सहयोगी देश क्षेत्र में गश्त और सैन्य अभ्यास करके चीनी दावों को लगातार चुनौती दे रहे हैं।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…