स्वास्थ्य विभाग बाढ़ व जलजमाव से जनित रोगों की रोकथाम के लिए कृतसंकल्पित…
कार्यपालक निदेशक द्वारा तैयारियों के लिए दिया गया आवश्यक दिशा-निर्देश…
स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों को आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का दिया गया निर्देश…
ब्लीचिंक पावडर एवं चूना खपत के आकलन का दिया गया निर्देश: सिविल सर्जन…
पूर्णिया, 26 मई। जिले में कोविड-19 संकट के बाद संभावित बाढ़ और उससे उत्पन्न जलजनित बीमारियों को रोकने की तैयारियों में स्वास्थ्य विभाग जुट गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में इलाज और समुचित दवाइयां सुगमतापूर्वक उपलब्ध कराई जाएगी। इस दौरान लोगों को कोरोना गाइडलाइन के तहत मास्क, सामाजिक दूरी, सैनिटाइजर का उपयोग और कोविड-19 जांच कराने की सलाह दी जाएगी। वहीं नौका पर अस्थाई अस्पताल और औषधालय की व्यवस्था रहेगी। जो, बाढ़ के कारण सड़क का सम्पर्क टूट जाने और जलजमाव वाले इलाकों में भ्रमण करेगी। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत द्वारा सभी प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी एवं सिविल सर्जन को संभावित बाढ़ और उससे उत्पन्न होने वाली जलजनित बीमारियों की रोकथाम की तैयारियां पूरी कर लेने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया हैं।
-स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों को आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का दिया गया निर्देश:
पत्र में संभावित बाढ़ या जलजमाव से उत्पन्न जलजनित बीमारियों व दस्त आदि की रोकथाम के लिए आवश्यक ओषिधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आदेश देते हुए जिले के सिविल सर्जन को जिला औषधी भंडार में बफर स्टॉक के साथ प्रत्येक प्रखंड में बाढ़ से पूर्व आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। इनमें जिला औषधी भंडार में सर्पदंश के इलाज के लिए 1000 वाइल्स इंजेक्शन, 750 वाइल्स एंटी रैबिज वैक्सीन, 50,000 ओआरएस पैकेट, 30,000 जिंक टैबलेट, 50,000 हेलाजोन टैबलेट, 500 पैकेट ब्लीचिंग पाउडर तथा चूना पाउडर 1500 पैकेट बफर स्टॉक के रूप में रखने के लिए कहा गया है।
-ब्लीचिंक पावडर एवं चूना खपत के आकलन का दिया गया निर्देश: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि बाढ़ प्रभावित प्रखंडों, पंचायतों के आधार पर ब्लीचिंग पाउडर एवं चूना की खपत का आकलन करते हुए सभी सामग्रियों के वितरण से संबंधित उक्त प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारी अपनी देखरेख में क्षेत्र की एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आशा फैसिलिटेटर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जीविका के सक्रिय सदस्य, विकास मित्र सहित अन्य का टीम गठित कर उन्हें हस्तगत कराने एवं इन सामग्रियों के प्राप्ति रसीद भी प्राप्त करना सुनिश्चित करेंगे। छिड़काव कार्य की निगरानी के लिए गठित समिति के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में क्षेत्र की एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जीविका सदस्य, विकास मित्र के अलावा स्थानीय पंचायत के वर्तमान मुखिया तथा सभी वार्ड सदस्य शामिल होंगे। साथ ही बाढ़ एवं उससे उत्पन्न जलजनित महामारी की रोकथाम के दौरान कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के भी समुचित उपाय किये जाएं। इसके साथ ही प्रबंधन में सुरक्षात्मक किट्स तथा प्रतिरक्षक सामग्रियों का समुचित रूप से सदुपयोग सुनिश्चित किये जाने के लिए भी कहा गया है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…