परिवार नियोजन के हैं दो विकल्प : स्थायी एवं अस्थायी, बिल्कुल सुरक्षित है दोनों विकल्प…

परिवार नियोजन के हैं दो विकल्प : स्थायी एवं अस्थायी, बिल्कुल सुरक्षित है दोनों विकल्प…

छोटा परिवार माँ एवं शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी…

दो बच्चों में अंतराल के हैं बहुत से लाभ…

जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध हैं परिवार नियोजन के सभी विकल्प…

पूर्णिया, 25 मई। लोगों के लिए परिवार नियोजन की प्रक्रिया वर्तमान समय में बहुत ही सरल एवं सुलभ है। लोग किसी भी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों की जानकारी लेने के साथ ही सुविधानुसार इच्छित विकल्प का लाभ उठा सकते हैं। बच्चों के बीच समयांतराल रखने और छोटा परिवार के होने से लोग वर्तमान समय में बढ़ रही महंगाई से छुटकारा मिलने के साथ ही जनसंख्या स्थिरीकरण में भी सरकार और देश के सहायक बन सकते हैं। सरकार द्वारा चलाये जा रहे परिवार नियोजन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जनसंख्या स्थिरीकरण के साथ ही प्रजनन स्वास्थ्य को सुदृढ़ करते हुए स्वस्थ परिवार का निर्माण करना भी है। लोगों को परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों का इस्तेमाल कर इस अभियान को सफल बनाना चाहिए।

सभी स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध हैं परिवार नियोजन के विभिन्न साधन :
डीपीएम स्वास्थ्य ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन के लिए लोगों को स्थायी व अस्थायी विकल्प की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही ,जो जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य केंद्रों में लोगों को इसकी जानकारी देने के लिए नियमित आशा, एएनएम आदि उपस्थित रहती हैं। जिनसे लोग परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी साधनों की जानकारी ले सकते हैं। लोगों को जानकारी होनी चाहिए कि परिवार नियोजन के स्थायी साधनों में पुरुष नसबंदी व महिला बंध्याकरण शामिल हैं। लोग किसी भी अस्पताल से इसका लाभ उठा सकते हैं। महिला बंध्याकरण की तुलना में पुरुष नसबंदी ज्यादा आसान और सुलभ है। जिसका लोग आसानी से लाभ उठा सकते हैं। परिवार नियोजन के अस्थायी साधन के रूप में लोग अंतरा इंजेक्शन, कॉपर-टी, छाया, माला-एन, इजी पिल्स, कंडोम का उपयोग कर सकते हैं।

अस्थायी साधन का उपयोग ज्यादा सुलभ :
डीसीएम संजय दिनकर ने कहा परिवार नियोजन के अस्थायी साधन का इस्तेमाल लोगों के लिए ज्यादा सुलभ साबित हुआ है। अस्थायी साधन लोगों को अनचाहे गर्भ से बचाने के साथ ही अपने शिशुओं के बीच अंतराल रखने में भी सहायक होते हैं। ‘अंतरा’ गर्भ निरोधक इंजेक्शन तीन महीने के लिए अनचाहे गर्भ से बचाने में सहायक है जबकि ‘छाया’ एक गर्भनिरोधक साप्ताहिक टैबलेट हैं। इसे महिलाएं सप्ताह में एक बार सेवन करते हुए जब तक चाहें उपयोग कर सकती हैं। सरकार द्वारा अंतरा इंजेक्शन लगाने पर लाभार्थी को 100 रुपये व उत्प्रेरक को भी 100 रुपये दिए जाने का प्रावधान है।

छोटा परिवार माँ एवं शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी :
सिविल सर्जन डॉ. एस के वर्मा ने कहा कि छोटा परिवार होने से माँ और शिशु दोनों के स्वास्थ्य को फायदा मिलता है। बच्चे के जन्म होने के बाद महिला शारीरिक रूप से कमजोर हो जाती है। कम बच्चा होने से महिला ज्यादा स्वस्थ्य रह सकती हैं। इसके अलावा परिवार में केवल दो बच्चे होने और उनके बीच अंतराल होने से महिलाएं बच्चों को पूरी तरह स्तनपान करा सकेंगी। उन्होंने कहा कि नवजात शिशु को पहला छः माह केवल स्तनपान और उसके बाद अतिरिक्त आहार देने के साथ ही स्तनपान भी कराना चाहिए। यह बच्चों को तंदुरुस्त होने के साथ महिलाओं को भी स्वस्थ्य रखने के लिए सहायक है।

बच्चों में अंतराल के लाभ :
• महिला अपने पहले बच्चे की देखभाल अच्छे से कर पाएगी.
• दोनों बच्चे को पूरा दूध पिलाने का समय मिलेगा.
• माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ रहेंगे.
• महिला अपने स्वास्थ्य पर ध्यान रख पाएंगी.
• बच्चों के कुपोषित अथवा बार-बार रोगग्रस्त होने की संभावना नहीं होगी.
• माँ – बच्चा स्वस्थ्य होगा तो परिवार पर आर्थिक बोझ नहीं बढ़ेगा।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…