कार्डलेस नकद निकासी सुविधा उपलब्ध कराएं बैंक, एटीएम : रिजर्व बैंक…
मुंबई, 20 मई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज एक अधिसूचना जारी कर सभी बैंकों के प्रमुखों, एटीएम नेटवर्कों, व्हाइट लेवल एटीएम ऑपरेटरों और एनपीआई से कहा है कि वे अपने एटीएम से अंतर-संचालित कार्डलेस नकद निकासी की सुविधा मुहैया कराएं। रिजर्व बैंक ने अप्रैल की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद सभी बैंकों और सभी एटीएम नेटवर्कों में अंतर-संचालित कार्डलेस नकद निकासी की सुविधा पेश किए जाने की घोषणा की थी।
गुरुवार को जारी अधिसूचना में रिजर्व बैंक ने कहा कि एनपीसीआई को यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) एकीकरण सुविधा देने की सलाह दी गई है, जिससे सभी बैंकों व एटीएम नेटवर्कों का एकीकरण किया जा सके। इसके लिए यूपीआई का इस्तेमाल ऐसे लेनदेन में ग्राहकों को अधिकार देने में होगा, जबकि इसका सेटलमेंट नैशनल फाइनैंशियल स्विच (एनएफएस)/एटीएम नेटवर्क के माध्यम से होगा। रिजर्व बैंक ने कहा, ‘ऑन-अस/ऑफ-अस अंतर-संचालित कार्डलेस नकद निकासी लेन-देन की सुविधा बगैर किसी शुल्क प्रदान की जाएगी और इसमें पूर्व अधिसूचना के मुताबिक सिर्फ इंटरचेंज शुल्क और उपभोक्ता शुल्क लिया जाएगा।’ केंद्रीय बैंक ने कहा कि कार्डलेस नकद निकासी की सीमा नियमित एटीएम निकासी के अनुसार ही होगा।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि कार्डलेस नकद निकासी के विकल्प ले लेन-देन की सुविधा आसान होगी और भौतिक कार्ड की जरूरत न होने पर धोखाधड़ी रोकने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे कार्ड स्किमिंग और कार्ड क्लोनिंग जैसी धोखाधड़ी से बचने में मदद मिलेगी। विशेषज्ञों ने कहा कि इससे ग्राहकों की सुविधा बढ़ेगी और धोखाधड़ी कम होगी, हालांकि इसका असर डेबिट कार्डों पर पड़ेगा। गवर्नर दास ने साफ किया कि इसकी वजह से डेविड कार्ड जारी किए जाने को नहीं रोका जाएगा। इसकी वजह है कि डेबिट कार्डों का नकद निकासी के अलावा तमाम और इस्तेमाल होते हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…