नीदरलैंड 5वां सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य…
नई दिल्ली, 16 मई। नीदरलैंड वित्त वर्ष 22 में भारत के पांचवें सबसे बड़े निर्यात गंतव्य के रूप में उभरा है, जो केवल एक साल पहले 10वें स्थान पर था। यूरोपीय संघ (ईयू) की इस पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को किया जाने वाला निर्यात 31 मार्च को समाप्त हुए इस वित्त वर्ष में 94 प्रतिशत उछलकर 12.5 अरब डॉलर हो गया है।
वित्त वर्ष 22 में नीदरलैंड ने हॉन्ग कॉन्ग, सिंगापुर, ब्रिटेन, जर्मनी और नेपाल को पीछे छोड़ दिया और इस तरह यह ईयू में भारत का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य बन गया। जर्मनी, जो पहले भारत का शीर्ष यूरोपीय निर्यात गंतव्य (8वां स्थान) था, अब दो पायदान गिरकर 10वें स्थान पर आ गया है।
जहां एक ओर अमेरिका (76.1 अरब डॉलर) वित्त वर्ष 22 में देश का शीर्ष निर्यात गंतव्य बना रहा, वहीं दूसरी ओर यूएई (28 अरब डॉलर) चीन (21.3 अरब डॉलर) को पीछे छोड़ते हुए दूसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार बन गया है। बांग्लादेश (16.1 अरब डॉलर) एक पायदान का सुधार करके भारत के लिए चौथा सबसे बड़ा निर्यात बाजार बन गया।
नीदरलैंड को भारत का सबसे ज्यादा निर्यात एविएशन टर्बाइन फ्यूल (2.6 अरब डॉलर), डीजल (1.7 अबर डॉलर), स्मार्ट फोन (29.7 करोड़ डॉलर), एल्युमीनियम सिल्ली (24.5 करोड़ डॉलर), बेंजीन (13.6 करोड़ डॉलर) और झींगा (7.5 करोड़ डॉलर) आदि का था।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने पहचान जाहिर ने करने का अनुरोध करते हुए कहा ‘नीदरलैंड द्वारा भारत से अधिक स्तर पर जिंसों के आयात से भारत के शीर्ष निर्यात गंतव्यों में इसके उभरने में योगदान किए जाने की उम्मीद की है। हमें यह देखना होगा कि क्या यह वित्त वर्ष 23 में भारत के शीर्ष पांच निर्यात बाजारों में से एक के रूप में अपना स्थान बनाए रख सकता है।’
वर्ष 2020 में नीदरलैंड ने रिफाइंड पेट्रोलियम में 23.8 अरब डॉलर का आयात किया था, जिससे यह दुनिया में रिफाइंड पेट्रोलियम का तीसरा सबसे बड़ा आयातक बन गया। नीदरलैंड के लिए रिफाइंड पेट्रोलियम के शीर्ष स्रोतों में रूस, बेल्जियम, ब्रिटेन, भारत और अमेरिका शामिल हैं। भारत ने वित्त वर्ष 22 में सोयाबीन के कच्चे तेल, स्टेनलेस स्टील के कचरे और कबाड़, एल्युमीनियम कबाड़, निकल, विमान इंजन के पुर्जों जैसे 4.5 अरब डॉलर की वस्तुओं का आयात किया था।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…