लक्जरी कार बाजार पटरी पर आएगा : मर्सिडीज…
चेन्नई, 13 मई। लक्जरी कार की दिग्गज कंपनी मर्सिडीज बेंज ने आज कहा कि कंपनी को 2022 में रिकॉर्ड बिक्री की उम्मीद है। कंपनी ने कहा कि चिप की कमी और लॉजिस्टिक कठिनाइयों के बावजूद इस साल हमारे कारों की बिक्री कोविड से पहले के स्तर को पार कर जाएगी।
कैलेंडर वर्ष 2022 की पहली दो तिमाहियों के दौरान कंपनी के पास 9,000 कारें थी। इसकी तुलना समूचे 2018 में 15,538 कारों और उसके बाद कैलेंडर वर्ष 2019 में 13,786 कारों से जा सकती है जिसके बाद कोविड की वजह से बिक्री में गिरावट आई थी। कंपनी ने समूचे 2020 और 2021 में क्रमश: 7,893 और 11,242 कारें बेची थी।
मर्सिडीज बेंज इंडिया में बिक्री और विपणन के उपाध्यक्ष संतोष अय्यर ने कहा, ‘कोविड के बाद हमें बाजार में जबरदस्त वापसी नजर आई है। हमारी मौजूदा मांग भारत में हमारी मौजूदगी के बाद से सबसे अच्छी है। पहली तिमाही के दौरान हमने करीब 4,000 कारें बेची और अब हम करीब 5,000 कारों के आर्डर बैंक पर काम कर रहे हैं। हमने इस प्रकार की मजबूत बुकिंग, आर्डर बैंक इससे पहले नहीं देखा है।’
आर्डर में मौजूदा तेजी भारत में उतारी गई सी-क्लास की वजह से भी है जिसकी एक्स शोरूम कीमत 55 लाख रुपये से शुरू होती है। इन नए ब्रांड के लिए 600 करोड़ रुपये या करीब 1,000 इकाइयों का आर्डर बैंक है जिसमें से करीब 70 फीसदी आर्डर कंपनी के मौजूदा ग्राहकों ने दिए हैं। उन्होंने कहा, ‘लॉन्च करने से पहले ही हमने इसे केवल मर्सिडीज बेंज के ग्राहकों के लिए खोला है।’
कंपनी ने कहा कि उसे ग्राहकों द्वारा लक्जरी कारों के खरीद प्रारूप में बदलाव नजर आ रहा है। कोविड से पहले 50 लाख रुपये से कम की लग्जरी कार बाजार की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी थी। अब यह केवल 24 फीसदी रह गई है। दूसरी ओर 1 करोड़ रुपये से ऊपर की बाजार हिस्सेदारी जो पहले 12 फीसदी थी बढ़कर 29 फीसदी हो गई। अय्यर ने कहा, ‘हमें सुपर लग्जरी कारों के लिए मजबूत मांग नजर आ रही है। अब मांग के मोर्चे पर बड़ी चुनौती नहीं है बल्कि चुनौती इन ग्राहकों को बनाए रखने की है।’ उन्होंने कहा कि चिप की कमी और खेप भेजने में आई मुश्किल के कारण कंपनी को चोट पहुंची है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…