33 दिन में एक आईएएस, दो आईपीएस सस्पेंड, जानिए अफसरों पर क्यों गिरी गाज…

33 दिन में एक आईएएस, दो आईपीएस सस्पेंड, जानिए अफसरों पर क्यों गिरी गाज…

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दोबारा सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ताबड़तोड़ एक्शन ले रहे हैं। योगी सरकार ने पिछले 33 दिनों के अंदर एक आईएएस अफसर और दो आईपीएस अधिकारियों को सस्पेंड कर चुकी है। इनमें सोनभद्र के डीएम टीके शिबू, गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार और अब आईपीएस अधिकारी अलंकृता सिंह का नाम जुड़ गया है। आइए जानते हैं योगी सरकार ने आखिर क्यों की इन तीनों अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई।

33 दिन में एक आईएएस, दो आईपीएस अफसर सस्पेंड

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 25 अप्रैल को अपने दूसरे कार्यकाल का एक महीना पूरा किया। आज 28 अप्रैल है। 33 दिनों में सरकार ने भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का संदेश देते हुए तीन अफसरों पर कार्रवाई की है। इनमें सबसे पहले नाम है आईएएस टीके शीबू का है, जो सोनभद्र में डीएम के पद पर तैनात थे। टीके शीबू पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।

आईपीएस पवन कुमार, अलंकृता सिंह पर गिरी गाज

इसके अलावा योगी सरकार ने अपराध रोकने में नाकाम रहने पर गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को सस्पेंड कर दिया था। पवन कुमार को 31 मार्च को सस्पेंड किया गया था। अब, बुधवार यानि 27 अप्रैल को आईपीएस अलंकृता सिंह पर गाज गिर गई। अलंकृता सिंह 2008 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। वह पिछले साल 20 अक्टूबर से अपने दफ्तर से बिना अधिकृत सूचना के छुट्टी पर हैं। अलंकृता सिंह एसपी, महिला व बाल सुरक्षा संगठन (1090) के पद पर तैनात थीं। बता दें, 2017 से 2022 के बीच योगी सरकार ने 17 आईपीएस और 6 आईएएस अफसरों को निलंबित किया था।

राज्य में अराजकता और गुंडागर्दी के लिए कोई जगह नहीं है: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा कि 5 वर्ष पहले उत्तर प्रदेश में दंगे, अराजकता और गुंडागर्दी हुआ करती थी, लेकिन अब राज्य में शांति है। उन्होंने कहा कि राज्य में अराजकता और गुंडागर्दी के लिए कोई जगह नहीं है। समाज का हर वर्ग विकास के साथ आगे बढ़ रहा है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…