*बड़ा हादसा, साध्वी ऋतंभरा के आश्रम में रहने वाली 4 लड़कियों की दर्दनाक मौत*

*बड़ा हादसा, साध्वी ऋतंभरा के आश्रम में रहने वाली 4 लड़कियों की दर्दनाक मौत*

ओंकारेश्वर। मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर से एक बड़े हादसे की खबर सामने आई है। जहां कोठी गांव में साध्वी ऋतंभरा का पिताम्बरेश्वर आश्रम के पास से गुजरने वाली एक नहर में डूबने से चार बालिकाओं की दर्दनाक हादसे में मौत हो गई। इस घटना के बाद से आश्रम प्रशासन में हड़कंप मच गया है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है।

*एक-दूसरे को बचाने के चक्कर में मौत*

दरअसल, यह छात्राएं अपनी अन्य सहेलियों के साथ बुधवार सुबह 6 बजे पास में मौजूद एक नहर में नहाने के लिए गई हुई थीं। सभी रेलिंग से बंधी सांकल पकड़कर नहा रही थीं। लेकिन इसी दौरान कुछ बच्चियों का हाथ छूट गया और वह डूबने लगीं। अपनी दोस्तों को डूबता देख घाट पर नहा रहीं अन्य लड़कियों ने भी छलांग लगा दी। इसके बाद देखते ही देखते 6 बालिकाएं नहर में डूब गईं। जिसमें से चार की तो मौत हो गई, वहीं दो किसी तरह जिंदा बच गईं।

लड़कियों की चीख-पुकार सुन दौड़े गांव के लोग
नदी में डूब रहीं लड़कियों की चीख-पुकार सुनकर आसपास और आश्रम के लोग उनको बचाने के लिए भागे। वहीं कुछ मौके पर मौजूद लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस और एंबुलेंस को दी। लेकिन तब तक चार बालिकाएं दम तोड़ चुकी थीं। हालांकि पुलिस गोताखोरों को लेकर पहुंची। जिनकी मदद से एक घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में 2 बच्चियों को जिंदा बचा लिया गया। वहीं चार के शव बरामद किए।

दुखद हादसे पर सीएम शिवराज भी हुए इमोशनल
वहीं इस दुखद हादसे पर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दुख जताते हुए कहा- खंडवा में ओंकारेश्वर के पास नहर में बच्चियों के डूबने की खबर पीड़ादायक है। मन व्यथित है, हृदय द्रवित है। ईश्वर से प्रार्थना है कि जिन बच्चियों की तलाश जारी है, वह सकुशल मिलें। दिवंगत आत्माओं को ईश्वर श्रीचरणों में स्थान दे। शोकाकुल परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं हैं।

जिन लड़कियों की हुई मौत उनके नाम
1. वैशाली पिता नवलसिंह
2. प्रतिज्ञा पिता छमिया
3. दिव्यांशी पिता चेतन
4. अंजना पिता रमेश

नहर में डूबकर मरने वाली यह चारों बच्चियां साध्वी ऋतम्भरा के परमशक्ति पीठ आश्रम में पढ़ती थीं। इस घटना के बाद आश्रम प्रशासन में हड़कंप मच गया है। वहीं पूरे गांव में इस वक्त मातम पसरा हुआ है। इतना ही नहीं जिन माता-पिता के बच्चे यहां रहकर पढ़ रहे हैं अब वह भी डर गए हैं।