दबावग्रस्त ऋण के हस्तांतरण की समयसीमा चूक सकते हैं बैंक…

दबावग्रस्त ऋण के हस्तांतरण की समयसीमा चूक सकते हैं बैंक…

मुंबई, 09 अप्रैल। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एनएआरसीएल) को 50,000 करोड़ रुपये के दबावग्रस्त ऋण हस्तांतरित करने की समयसीमा 31 मार्च तय की थी। वित्तीय सम्यक तत्परता में देरी के कारण बैंक इससे चूक गया है। कुल 38 गैर-निष्पादित खातों को चरणबद्घ तरीके से एनएआरसीएल को हस्तांतरित करने के लिए चिह्नित किया गया था। इन खातों की कुल रकम 82,845 करोड़ रुपये थी।

एसबीआई ने जनवरी के अंतिम हफ्ते कहा था कि पहले चरण में कुल 50,335 करोड़ रुपये के 15 खातों को 31 मार्च तक हस्तांतरित किए जाने की उम्मीद है। इस मामले से अवगत एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘कुछ खातों के लिए वित्तीय सम्यक तत्परता में समय लगा लेकिन अब इसे पूरा किया जा चुका है।’

अधिकारी ने कहा, ‘यह एक चरणबद्घ शृंखला है और उस चरणबद्घ शृंखला में काफी संख्या में साझेदार शामिल हैं।’ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को अपनी मंजूरी देनी है। सरकार को गारंटी पर स्थिति को स्पष्ट करना है। लिहाजा, इन सब में समय लगता है। और यदि इनमें से कोई एक भी चीज अटक जाती है तो समूची प्रक्रिया में देरी होती है और संपत्ति के अधिग्रहण में विलंब होता है। सूत्रों ने कहा कि 14 खातों के लिए सम्यक तत्परता की कार्रवाई पूरी होने जा रही है और बैंक एक महीने में बाध्यकारी पेशकशों के साथ सामने आएंगे।

अधिकारी ने कहा, ‘प्रक्रिया में थोड़ा वक्त लगता है। पहली बार है कि हम इस तरह का कोई पुनर्गठन (एनएआरसीएल-इंडिया डेट रेजोल्यूशन कंपनी या आईडीआरसीएल) कर रहे हैं। काफी सारे नियम और प्रक्रियाओं का पालन करना है। 31 मार्च तक पूंजीकरण के हिस्से पर सारी चीजें पूरी होनी थी। निजी बैंकों को शामिल होने के लिए कुछ मंजूरियों की आवश्यकता थी। पूंजी आ चुकी है और एनएआरसीएल में योजना के मुताबिक 100 फीसदी पूंजी है।’ फिलहाल एसबीआई के मुख्य महाप्रबंधक पीएम नायर प्रतिनियुक्ति पर हैं और एनएआरसीएल के मामलों का प्रबंधन कर रहे हैं।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…