प्रकृति प्रेम है तो वन सेवा में जाइए…

प्रकृति प्रेम है तो वन सेवा में जाइए…

प्रकृति से जुड़ाव रखने वालों के लिए भारतीय वन सेवा काफी आकर्षक कॅरियर साबित हो सकता है। इससे जुड़कर जहां आप अपनी आजीविका कमा सकते हैं वहीं प्रकृति की गोद में सुकून भी हासिल कर सकते हैं। संघ लोक सेवा आयोग हर साल वन अधिकारियों के चयन के लिए भारतीय वन सेवा परीक्षा का आयोजन करता है। इसमें आवेदन हेतु विज्ञापन आमतौर पर फरवरी महीने में रोजगार समाचार और प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित होता है।

भारतीय वन सेवा में आवेदन के लिए अभ्यर्थी को पशु पालन और पशु चिकित्सा, वनस्पति शास्त्र, जीवविज्ञान, भौतिकी, रसायन शास्त्र, गणित, भूगर्भशास्त्र, सांख्यिकी, कृषि विज्ञान में से किसी एक विषय में स्नातक होना चाहिए। इस प्रवेश परीक्षा में आवेदन करने वाले अभ्यर्थी की उम्र 30 वर्ष से कम होनी चाहिए। परीक्षा के लिए योग्य अभ्यर्थी को भारतीय वन सेवा की छह पेपर की परीक्षा देनी होती है। इनमें दो पेपर सामान्य अंग्रेजी और सामान्य ज्ञान के होते हैं। ये दोनों प्रश्नपत्र 300−300 अंकों के होते हैं। इसके अलावा 200 अंक के दो प्रश्नपत्र दो ऐच्छिक विषयों के होते हैं। विषयों में पशुपालन, वनस्पति शास्त्र, जीवविज्ञान, भौतिकी, रसायन शास्त्र, गणित, सांख्यिकी, कृषि विज्ञान, फारेस्ट्री और इंजीनियरिंग में से किन्हीं दो को चुना जा सकता है।

इस तरह लिखित परीक्षा कुल 1600 अंकों की होती है। इसमें सफल होने वाले अभ्यर्थी को साक्षात्कार से गुजरना पड़ता है जिसके लिए 300 अंक रखे गए हैं। इस परीक्षा में विश्लेषणात्मक पद्धति के कनवेंशनल प्रश्न पूछे जाते हैं।

भारतीय वन सेवा परीक्षा में अंग्रेजी का पत्र तीन घंटों का होता है। इसमें एक निबंध लिखना होता है। अनुच्छेद का संक्षेपण, वाक्यों का शुद्धिकरण और व्याकरण के विभिन्न उपयोगों से संबंधित प्रश्न भी होते हैं। भाषा ज्ञान और शब्द ज्ञान से भी प्रश्न पूछे जाते हैं। इस परीक्षा का मकसद अंग्रेजी में काम करने की क्षमता की जांच होती है। इसलिए भाषा की व्यवहारिक समझ होना चाहिए। सामान्य ज्ञान में समसमायिक घटनाओं के साथ−साथ दिन−प्रतिदिन के वैज्ञानिक अनुभवों से संबंधित प्रश्न प्रमुखता से पूछे जाते हैं। इसके अलावा भारतीय राजनीति, संविधान, राजनैतिक व्यवस्था, भारतीय इतिहास और भूगोल से भी प्रश्न होते हैं।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…