योगासन से करें पेट की चर्बी कम…
पेट की चर्बी से परेशान हैं! डायट, एक्सर्साइज और न जाने क्या-क्या नहीं किया लेकिन कोई असर नहीं? लेकिन, जल्द नतीजे के लिए यह जानना जरूरी है कौन-से योगासन हैं सबसे ज्यादा असरदार। पेट की चर्बी को जल्द काटने वाले योगासनों के बारे में जानें।
पश्चिमोत्तानासन:- यह आसन पेट की चर्बी घटाने में काफी कारगर है। कब्ज, अपच, गैस, डकार व डायबीटीज में लाभकारी है।
विधि:- पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं अब हथेलियों को घुटनों पर रखकर सांस भरते हुए हाथों को ऊपर की ओर उठाएं व कमर को सीधा कर ऊपर की ओर खींचे, अब सांस निकालते हुए आगे की ओर झुकें व हाथों से पैरों के अंगूठों को पकड़कर माथे को घुटनों पर लगा दें। यहां घुटने मुड़ने नहीं चाहिए। और कोहनियों को जमीन पर लगाने का प्रयास करें। आंखें बंद कर सांस को सामान्य रखते हुए यथाशक्ति रोक देंगे। फिर सांस भरते हुए वापस आ जाएं।
धनुरासन:- यह आसन पेट की चर्बी काटने में काफी कारगर है। इससे आपके शरीर में लचीलापन भी आता है।
विधि:- उल्टा लेटकर व अपने दोनों पैरों को मोड़कर हाथ से पकड़ें और नीचे व ऊपर से खुद को स्ट्रेच करें। इसी अवस्था में 30-60 सेकंड तक रुकें और नीचे आ जाएं व दोहराएं।
कारगरकपालभाति:- इस प्राणायाम से पेट की चर्बी कम होती है।
विधि:- सबसे पहले पद्मासन या सुखासन जैसे किसी ध्यानात्मक आसन में बैठ जाएं। कमर व गर्दन को सीधा कर लें। यहां छाती आगे की ओर उभरी रहेगी। हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रख लें। आंखें बंद करके आराम से बैठ जाएं व ध्यान को श्वास की गति पर ले आएं। यहां पेट ढीली अवस्था में होगा।
बालासन:- इस आसन को करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और पेट की चर्बी घटती है।
विधि:- घुटने के बल जमीन पर बैठ जाएं और शरीर का सारा भाग एड़ियों पर डालें। गहरी सांस लेते हुए आगे की ओर झुकें। आपका सीना जांघों से छूना चाहिए और अपने माथे से फर्श को छूने की कोशिश करें। कुछ सेकंड इस अवस्था में रहें और वापस उसी अवस्था में आ जाएं।
भुजंगासन:- यह आसन आपके मसल्स के लिए काफी फायदेमंद है, और यह शरीर को लचीला बनाचा है। इस आसन से पेट की चर्बी कम होती है।
विधि:- भुजंग, जिसे इंग्लिश में कोबरा कहते हैं और चूंकि यह दिखने में फन फैलाए एक सांप जैसा पॉस्चर बनाता है इसलिए इसका नाम भुजंगासन रखा गया है। इसके लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अब दोनों हाथ के सहारे शरीर के कमर से ऊपरी हिस्से को ऊपर की तरफ उठाएं, लेकिन कोहनी आपकी मुठ्ठी होनी चाहिए। हथेली खुली और जमीन पर फैली हो। अब शरीर के बाकी हिस्सों को बिना हिलाए-डुलाए चेहरे को बिल्कुल ऊपर की ओर करें।
कपालभाति:- इसके लिए नाभि से नीचे के पेट को पीछे की ओर पिचकाएं या धक्का दें। इसमें पेट की मांसपेशियां आकुंचित होती हैं। साथ ही, सांस को नाक से बलपूर्वक बाहर की ओर फेंकें, इससे सांस के बाहर निकलने की आवाज भी पैदा होगी। अब अंदर की ओर दबे हुए पेट को ढीला छोड़ दें और सांस को बिना आवाज भीतर जाने दें। सांस भरने के लिए जोर न लगाएं, वह स्वयं ही अंदर जाएगी। फिर से पेट अंदर की ओर दबाते हुए तेजी से सांस बाहर निकालें।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…