संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के प्रस्ताव पर भी मतदान से दूर रहा भारत…

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के प्रस्ताव पर भी मतदान से दूर रहा भारत…

न्यूयार्क, 24 मार्च। संयुक्त राष्ट्र संघ में अपनी निरपेक्ष भूमिका के निर्वहन पर भारत अडिग बना हुआ है। रूस-यूक्रेन के मसले पर अब तक यूक्रेन समर्थकों के प्रस्तावों पर मतदान से दूर रहने वाले भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के प्रस्ताव पर भी मतदान से दूरी बनाए रखी।

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां भीषण मानवीय संकट के आधार बने हैं। इस पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य रूस ने मानवीय संकट को लेकर मसौदा प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में पेश किया था। रूस को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो का अधिकार भी प्राप्त है। रूस ने अपने प्रस्ताव में मांग कीथी कि मानवीय संकट को देखते हुए महिलाओं और बच्चों समेत कमजोर परिस्थितियों में रह रहे नागरिकों को पूरी तरह से संरक्षित किया जाए।

प्रस्ताव में कहा गया कि नागरिकों की सुरक्षा, स्वैच्छिक और निर्बाध निकासी को सक्षम बनाने के लिए बातचीत के जरिए संघर्ष विराम किया जाए। साथ ही संबंधित पक्षों को इस उद्देश्य के लिए मानवीय ठहराव पर सहमत होने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया या है। प्रस्ताव में रूस और यूक्रेन के बीच राजनीतिक वार्ता, बातचीत, मध्यस्थता और अन्य शांतिपूर्ण तरीकों से तत्काल शांतिपूर्ण समाधान का आग्रह किया गया था।

रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्यों से इस प्रस्ताव पर वोट करने का आह्वान किया था। इस पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हुए मतदान में भारत सहित 13 सदस्य देशों ने हिस्सा नहीं लिया। रूस और चीन ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। भारत ने पहले भी सुरक्षा परिषद में दो मौकों पर और एक बार यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के प्रस्तावों पर मतदान में भाग नहीं लिया था।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट