थाने के सामने गाड़ी हटाने को लेकर हुए विवाद में युवक के दिल पर चाकू मारकर हत्या…
नई दिल्ली, 19 मार्च। नारायणा थाने से कुछ ही कदमों की दूरी पर अवैध रूप से सालों से चल रही पान बीड़ी की दुकान पर गाड़ी हाटने को लेकर हुए विवाद में एक युवक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई। जब युवक के दो दोस्ता उसको बचाने आए, उनसे भी मारपीट करक चाकू से वार करने की कोशिश की। यह सब पुलिस वालों के सामने हुआ। परिवार का आरोप है कि अगर पुलिस वाले आरोपियों पर सख्ती से पेश आते तो शायद उनका बेटा आज जिंदा होता। लेकिन पुलिस वालों की आरोपी एक नहीं सून रहे थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर नाबालिग समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस बाकी आरोपियों के ठिकानों के बारे में पता कर उनको भी पकडऩे की कोशिश कर रही है। वारदात के बाद परिजनों ने थाने के बाहर पुलिस के खिलाफ रोष प्रकट किया।
जानकारी के मुताबिक मृतक की पहचान नारायणा गांव में रहने वाले शिवा (28) के रूप में हुई है। वह लॉकडॉउन के बाद से ही छोटा मोटा काम करता रहता था। उसके माता पिता की बहुत मृत्यु हो चुकी है। परिवार में पत्नी और छह साल की बेटी व डेढ साल का बेटा है। शिवा के दो भाई है, जो अपने परिवार के साथ अलग रहते है। पुलिस मुताबिक बीती रात करीब साढ़े नौ बजे डीडीयू अस्पताल से सूचना मिली कि एक युवक को चाकू लगा है।
सूचना मिलते ही पुलिस अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। जांच में मृतक की पहचान शिवा के रूप में हुई। उसके दिल के पास चाकू लगा था। पूछताछ करने पर पता चला कि शिवा बीती रात अपने तीन दोस्तों राहुल, रिषभ और वरूण के साथ नारायणा स्थित पीवीआर के पास पान खाने आया था। यहां उनकी वकील अहमद से किसी बात को लेकर कहासुनी हुई। कहासुनी हाथापाई में बदल गई। इसी बीच नाबालिग ने चाकू से शिवा के दिल पर चाकू से वार किया। शिवा अचेत होकर सडक़ पर गिर गया।
उसके दोस्तों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार वालों ने बताया कि वारदात के वक्त जब गांव के रहने वाले एक युवक ने अपनी गाड़ी में शिवा को बैठाने की कोशिश की। उसके भी लात घूसों मारकर चाकू से हमला करने की कोशिश की थी। आरोपी शिवा पर और चाकू से वार करना चाहते थे। किसी तरह से शिवा को नजदीक के कपूर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर डॉक्टरों ने पहले काफी देर तक नहीं देखा और बाद में शिवा को मृत घोषित कर दिया था।
परिवार वालों ने आरोप लगाया कि जिस तरह से पुलिस वालों की आरोपी एक नहीं सून रहे थे और पुलिस वाले भी उनपर सख्ती नहीं दिखा रहे थे। साफ था कि आरोपियों और पुुलिस वालों की पहले से ही कितनी करीबी थी। इधर पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एडिशनल डीसीपी प्रशांत गौतम की देखरेख में पुलिस टीम ने देर रात ही एक नाबालिग समेत पांच आरोपितों को पकड़ लिया। आरोपितों की पहचान वकील अहमद, धर्मेन्द्र, उसके दो बेटे सचिन और रामानुज और एक नाबालिग के रूप में हुई है। नाबालिग धर्मेेन्द्र का भांजा है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…