सोशल मीडिया बनाए नौकरी ढूंढ़ने की राह आसान…
अभी कुछ ही साल पहले तक नौकरियों की खोज के लिए हम प्लेसमेंट एजेंसियों पर निर्भर थे या फिर अखबारों में छपने वाले विज्ञापनों पर, लेकिन इंटरनेट की लोकप्रियता और सोशल मीडिया के उभार ने रोजगार की तलाश और प्राप्ति के नए विकल्प पेश कर दिए हैं और इसकी पहुंच को भी बढ़ाया है।
अब न सिर्फ प्लेसमेंट एजेंसियां, बल्कि डाक से बायोडेटा भेजने का चलन भी अब करीब-करीब खत्म हो चला है। खुद इंटरनेट पर भी नौकरी तलाशने का पैटर्न लगातार बदल रहा है। शाइन.कॉम, नौकरी.कॉम और मॉन्स्टरइंडिया.कॉम जैसी वेबसाइटों के साथ-साथ इन दिनों जो एक और माध्यम कंपनियों तथा पेशेवरों दोनों के बीच उपयोगी कड़ी बन रहा है वह है-सोशल मीडिया।
अगर आप फेसबुक, लिंक्डइन, ट्विटर, स्किल पेजेज जैसी सोशल नेटवर्किग वेबसाइटों का चतुराई तथा दक्षता के साथ इस्तेमाल करने में सक्षम हैं तो यह आपका सामाजिक दायरा बढ़ाने के साथ-साथ अच्छी नौकरी की तलाश में भी कारगर सिद्ध हो सकता है। चूंकि सोशल नेटवर्किंग साइटों पर नियोक्ता और संभावित कर्मचारी दोनों के बीच सीधे संवाद होता है, इसलिए यह तेज और सटीक परिणाम देने में सक्षम है। यह मीडिया आपको अपनी प्रतिभा और कौशल के प्रदर्शन का मौका भी देता है और अपने क्षेत्र के लोगों के साथ संपर्क बढ़ाने का भी।
आपकी टिप्पणियां, चित्र, मित्रों की प्रतिक्रियाएं और तारीफें आपकी गतिविधियों तथा पृष्ठभूमि की बानगी पेश करते हैं। फिर इंटरनेट पर मौजूद ताकतवर सर्च सुविधाएं तुरंत आपके भूत-भविष्य और वर्तमान का लेखा-जोखा पेश कर देती हैं। ऐसे में अच्छे कर्मचारी की तलाश कर रहे नियोक्ता का काम काफी आसान हो जाता है। लेकिन यह न भूलें कि सोशल मीडिया जहां एक ओर अच्छी नौकरी पाने में मददगार सिद्ध हो सकता है, वहीं उसके प्रति लापरवाही तथा गैर-जिम्मेदाराना रवैया आपका बनता हुआ काम बिगाड़ भी सकता है। ऐसे में सारा दारोमदार इस बात पर आ जाता है कि इस मीडिया के बारे में आपकी समझ कितनी अच्छी है और इसे अपनी जरूरतों के लिहाज से साधने में आप कितने
सक्षम हैं।
सदस्य बनें:- जिस तरह फेसबुक आम लोगों के बीच मेलजोल बढ़ाने का एक सोशल नेटवर्किंग ठिकाना है, उसी तरह लिंक्डइन (लिंक्डइन डॉट कॉम) पेशेवर लोगों के बीच सोशल नेटवर्किंग के लिए खास तौर पर विकसित किया गया है। यहां मौजूद अधिकांश सुविधाएं पेशेवरों को ही ध्यान में रख कर बनाई गई हैं, जैसे आपका विस्तृत पेशेवराना ब्यौरा (प्रोफाइल) और किसी सदस्य की सिफारिश करने की सुविधा। यदि आप लिंक्डइन के सदस्य नहीं हैं तो तुरंत बन जाएं, क्योंकि यहां पर ज्यादातर अच्छी कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी और हर क्षेत्र के पेशेवर सक्रिय हैं, जो न सिर्फ नौकरियों की सूचनाएं पोस्ट करते हैं, बल्कि यहां अच्छे उम्मीदवारों के रेफरल्स की परंपरा भी मौजूद है। फेसबुक, लिंक्डइन, गूगल प्लस, स्किलपेजेज और पिंटरेस्ट जैसी वेबसाइटें भी उपयोगी हैं।
आपका प्रोफाइल:- जिस तरह नौकरी की तलाश में एक अच्छे बायोडेटा की अहम भूमिका होती है, उसी तरह सोशल मीडिया पर आपकी विश्वसनीयता और काबिलियत की बानगी देता है आपका प्रोफाइल। सभी साइटों पर छोटा या बड़ा प्रोफाइल पोस्ट करने की सुविधा है। इसे इस अंदाज में लिखें कि वह संभावित नियोक्ता को प्रभावित कर सके। अपनी उपलब्धियों, अनुभव और योग्यताओं का सटीक ब्यौरा दें और धीर-गंभीर मुद्रा में अपना ताजा चित्र लगाएं। सभी वेबसाइटों पर अपने प्रोफाइल को समय-समय पर अपडेट करते रहें। प्रोफाइल पर ठीक उतनी ही जानकारी दें, जितनी प्रासंगिक हो। बेवजह बहुत सारी जानकारियां ठूंसने की प्रवृत्ति नियोक्ताओं को उकता देती है।
दिलचस्पी दिखाएं:- सोशल मीडिया साइटों पर सक्रिय होने मात्र से संभावित नियोक्ता आप तक नहीं पहुंच जाएंगे। इस बात का स्पष्ट या परोक्ष संकेत देना जरूरी है कि आप इन दिनों नौकरी की तलाश में हैं। यदि किसी कारण से आप स्पष्ट घोषणा नहीं कर सकते तो निजी संदेशों के माध्यम से अपनी बात को प्रसारित करें। आप किस क्षेत्र में, किस तरह की नौकरी चाहते हैं, उसे भी अवश्य स्पष्ट करें।
ऑनलाइन छवि:- आजकल किसी भी उम्मीदवार को नौकरी पर रखने से पहले कंपनियां इंटरनेट पर उसके बारे में व्यापक खोजबीन जरूर करती हैं। चूंकि गूगल आपकी तमाम गतिविधियों को दर्ज करता रहता है, इसलिए आपसे जुड़ी अच्छी-बुरी हर किस्म की जानकारियां वहां उपलब्ध हैं। इन्हीं से आपकी ऑनलाइन छवि बनती है, जो संभावित नियोक्ता को प्रभावित या खिन्न कर सकती है। इंटरनेट पर अपने बारे में समय-समय पर विस्तृत सर्च करते रहें और गलत, अवांछित या आपकी खराब छवि बनाने वाली सूचनाओं को हटवाने का प्रयास करें। इसके लिए आपको संबंधित वेबसाइटों, ब्लॉग संचालकों, सोशल मीडिया के मित्रों आदि से संपर्क करना पड़ सकता है। अपनी ऑनलाइन छवि साफ-सुथरी रखें।
नेटवर्किंग:- सोशल मीडिया पर जरूरी है नेटवर्किंग। यानी अपने क्षेत्र के, अपने जैसी दिलचस्पी रखने वाले और नौकरियों से संबंधित फैसलों में प्रभाव रखने वाले लोगों के संपर्क में रहना। इस तरह की नेटवर्किंग से न सिर्फ आपको नए अवसरों के बारे में पता चलेगा, बल्कि तमाम तरह की मदद और गाइडेंस भी मिल सकेगी। सोशल नेटवर्किंग पर मित्र बनाने के लिए उम्र और रुतबे जैसी सीमाएं नहीं हैं। अभी-अभी स्नातक डिग्री लेकर आया छात्र भी किसी सीईओ का मित्र बन सकता है और धीरे-धीरे बढ़ते हुए संबंध आज नहीं तो कल लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं।
कौशल दिखाएं:- अपने क्षेत्र से संबंधित घटनाक्रम, उत्पादों, सेवाओं आदि पर सारगर्भित टिप्पणियां आपकी दक्षता और अनुभव की ओर संकेत करती हैं। बेवजह की हल्की-फुल्की टिप्पणियों में समय व्यर्थ करने की बजाए सोशल साइटों पर ऐसी सामग्री डालें, जो दूसरों के लिए उपयोगी हो और आपकी पेशेवराना छवि को मजबूती दे। इंटरनेट पर ऐसे बहुत से फोरम मौजूद हैं, जहां लोग अपनी समस्याओं से जुड़े सवाल पूछते हैं। अगर आपको इनके उत्तर आते हैं तो ऐसे लोगों को जवाब दें। अपने क्षेत्र की जानकारी और दूसरों की मदद करने की प्रवृत्ति संभावित नियोक्ताओं को पसंद आती है।
फेसबुक, गूगल प्लस, ट्विटर परः आप चाहें तो अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स को बदल कर अपने फेसबुक अकाउंट को सिर्फ दोस्तों तक सीमित कर सकते हैं। इससे आपकी मौज-मस्ती वाली गतिविधियां संभावित नियोक्ताओं की नजरों से बची रहेंगी। ट्विटर पर अपनी टिप्पणियों में हैश टैग का इस्तेमाल करें जैसे हैया टैग मीडियाजॉबस जिससे आपकी टिप्पणियां ऐसे नियोक्ताओं की नजर में आ जाएं, जिन्हें आप जैसे लोगों की तलाश है। फेसबुक पर अपने क्षेत्र के समूहों की तलाश करें और उनसे जुड़ने का प्रयास करें।
रिसर्च करें:- जिन कंपनियों में नौकरी करने में आपकी दिलचस्पी है, उनके बारे में इंटरनेट की मदद से पर्याप्त रिसर्च करें। इसी तरह, जो अधिकारी वहां प्रभावशाली स्थिति में हैं, उनके बारे में भी पर्याप्त जानकारी जुटाएं और उनसे जुड़ने की कोशिश करें। वे जिन समूहों के सदस्य हैं, उनकी सदस्यता लेने का प्रयास करें। इससे उनकी जरूरतों, गतिविधियों, दिक्कतों आदि का अच्छा अंदाजा लगेगा और आगे जब भी मौका मिलेगा, यह जानकारी आपके काम आएगी।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…