चुस्त व स्वस्थ बने रहने के कुछ टिप्स…
पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति के लिए कोई पेचीदा नियम नहीं। कोई गहरे गुण भी नहीं। उसे तो साधारण से गुणों का स्वामी होकर स्वस्थ रहना है। आइए, जानें।
-वह प्रातः उठने, रात सोने, दिन भर के कार्यों के लिए पूरी तरह नियमित रहता है। नहाना, नाश्ता, भोजन निश्चित समय पर करता है।
-स्वस्थ व्यक्ति केवल भूख लगने पर खाता है। नहीं तो थोड़ा नाश्ता, फल, रस आदि लेकर, अगले भोजन के समय की प्रतीक्षा कर लेता है।
-जो अपनी भूख से सदा थोड़ा कम खाता है। भोजन ठूंसता नहीं।
-वह अपने आपको सदा चुस्त, दुरुस्त, फुर्तीला पाता है।
-ऐसे व्यक्ति के पास आलस्य कभी फटकता नहीं। अपने कार्यों को वह मन लगाकर, समय पर आरम्भ कर, पूरा भी करता है।
-उसे काम से जीचुराना, ऊबना, थकना जैसी बातों का पता ही नहीं।
-ऐसे व्यक्ति का शरीर मांसल, गठा हुआ, पीठ सीधी रहती है। वह तो क्या, देखने वालों को भी वह पूरी तरह तंदुरुस्त नजर आता है।
-उसके चेहरे पर चमक, आंखों में आशा तथा होंठों पर सदा मुस्कान रहती है। उसका चेहरा उदास तथा बुझा-बुझा नहीं होता।
-स्वस्थ व्यक्ति न अधिक दुबला-पतला और न ही अधिक मोटा होता है। उसका पूरा शरीर हरकत में रहता है। सभी अंग सक्रिय।
-ऐसे व्यक्ति को क्रोध नहीं आता। वह चिड़चिड़ा स्वभाव नहीं पालता।
-उसके अंगों में दर्द, पीड़ा, ज्वर, सांस फूलना, खांसी नहीं होते।
-वह अपने भोजन को सरलता से पचा लेता है। गोलियां नहीं ढूंढता।
-स्वस्थ व्यक्ति को खाना खाने के बाद भारीपन की शिकायत नहीं होती।
-उसे शौच नियमित होता है। पेट साफ रहता है। कब्ज, अपच नहीं।
तनाव से दूर रहता है। उसे अपने भूत, वर्तमान तथा भविष्य से कभी कोई शिकायत नहीं हुआ करती। जो व्यक्ति इन कुछ साधारण से गुणों को अपने जीवन में उतार ले, वह अवश्य स्वस्थ होगा।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…