तीर्थस्थल ही नहीं पर्यटन स्थल भी है द्वारका…
गुजरात के पश्चिमी सागर के तट पर स्थित द्वारका को वैसे तो एक तीर्थ माना जाता है लेकिन अपनी ऐतिहासिकता, कलात्मकता, भवनों और प्रकृति की रमणीयता के कारण यह देश का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। पौराणिक युग में इसे कुशस्थली और द्वारवती नामों से भी जाना जाता था। द्वारका प्राचीन भारत की सात प्रसिद्ध पुरियों में से एक है।
यहां उत्कृष्ट वास्तुकला को उजागर करती हुई अनेक इमारतें हैं। आदि शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, नरसी मेहता, मीरा, कबीर, नानक आदि यहां आने वाले प्रसिद्ध सैलानी हैं। द्वारका अपने द्वारकाधीश मंदिर के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। इसे जगत मंदिर भी कहते हैं। पारम्परिक शैली में निर्मित यह मंदिर पांच मंजिला है। भूतल से लेकर शिखर तक मंदिर के हर भाग को बखूबी तराशा गया है। यहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिवस बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
देशभर में चार स्थानों पर आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित किए गए मठों में से एक शारदा पीठ भी यहां है। शारदा पीठ शैक्षिक सोसाइटी, आट्र्स कालेज और संस्कृत अकादमी का संचालन करती है यहां संस्कृत और इंडोलाजी में शोध की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग द्वारका में है, जिसे नागेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। भक्तजनों के लिए यह ज्योतिर्लिंग कितना महत्व रखता है इसका आभास यहां होने वाली भीड़ को देखकर लगाया जा सकता है।
द्वारका नगर से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थित बेट द्वारका को बेट शंखोद्धार भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण यहीं अपने परिवार के साथ रहते थे। बेट द्वारका के लिए द्वारका से ओखा तक लगभग 30 किलोमीटर की दूरी रेल या बस से तय की जा सकती है। उसके बाद करीब 5 किलोमीटर की समुद्री यात्रा बोट द्वारा तय की जा सकती है। पर्यटकों के लिए यह एक रोमांचक अनुभव रहता है। बेट द्वारका में बना भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर एक पुराना घर मात्र है लेकिन इसकी मान्यता बहुत है।
द्वारका के अन्य दर्शनीय स्थलों में रूक्मिणी मंदिर, लक्ष्मी मंदिर, मीरा बाई मंदिर, नरसी मेहता मंदिर आदि प्रमुख हैं। द्वारका वीरमगाम से ओखा जाने वाली मीटरगेज रेलवे लाइन पर स्थित है। राजकोट, जामनगर और अहमदाबाद से यहां के लिए रेल सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। स्टेट हाइवे द्वारा द्वारका गुजरात व देश के अन्य भागों से जुड़ा हुआ है। गुजरात राज्य परिवहन निगम की बसें राज्य के विभिन्न भागों से द्वारका जाती हैं।
सामान्यतः द्वारका पर्यटन के लिए मध्य सितंबर से मध्य मई तक का मौसम अनुकूल रहता है। यदि आप चाहें तो अहमदाबाद पर्यटन के दौरान द्वारका पर्यटन का कार्यक्रम भी बना सकते हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…