बत्रा के रवैये से हैरान है हॉकी इंडिया, आईओए प्रमुख से इस सप्ताह करेंगे बैठक…
नई दिल्ली, 16 फरवरी। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के हाल में उतार चढा़व वाले प्रदर्शन पर नरिंदर बत्रा के कड़े संदेश और स्पष्टीकरण देने की मांग से हैरान हॉकी इंडिया के अधिकारी इस सप्ताह भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष से मुलाकात करेंगे।
बत्रा ने भारतीय पुरुष हॉकी टीम के हाल के प्रदर्शन को ‘अस्वीकार्य’ करार दिया और मंगलवार को भेजे गये इस संदेश में हॉकी इंडिया से इसके कारणों के बारे में बताने को कहा। बत्रा अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के भी अध्यक्ष हैं।
हाकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निगोमबाम, महासचिव राजिंदर सिंह और सीईओ इलेनाा नोर्मन कोक भेजे गये पत्र में बत्रा ने कहा कि पिछले साल तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद टीम के प्रदर्शन पर उन्हें गहरी चिंता है।
इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने पीटीआई से कहा, ‘‘बत्रा के पत्र से हॉकी इंडिया हैरान है। ओलंपिक के बाद टीम पहले एशियाई चैंपियन्स ट्राफी (एसीटी) में खेली जहां ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली टीम के केवल आठ सदस्यों ने हिस्सा लिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ टीम प्रबंधन ने एसीटी में कोर ग्रुप के रिजर्व खिलाड़ियों को आजमाया क्योंकि पिछले दो वर्षों से उन्होंने कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला था। टीम ने केवल सेमीफाइनल में जापान के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन नहीं किया जिससे वह खिताब बचाने में असफल रही।’’
सूत्रों ने कहा, ‘‘प्रो लीग में फ्रांस के खिलाफ दूसरे मैच में भारत ने दबदबा बनाये रखा था लेकिन कुछ खामियों के कारण उसे हार का सामना करना पड़ा। ’’
बत्रा ने अपने पत्र में टीम प्रबंधन पर भी उंगली उठायी थी, लेकिन उन्होंने किसी का जिक्र नहीं किया था।
सूत्रों ने कहा, ‘‘इस मामले पर बात करने के लिये बत्रा के इस सप्ताह हाकी इंडिया के अधिकारियों से मिलने की संभावना है। कोचिंग स्टाफ भी वर्चुअल रूप से इसमें भाग ले सकता है। यह सामान्य बैठक ही होगी जिसमें पिछले कुछ मैचों में टीम के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी लेकिन कोई कड़ा फैसला लेने की संभावना नहीं है।’’
हालांकि पूर्व ओलंपियन असलम शेर खान ने हॉकी इंडिया के मामलों में दिलचस्पी लेने के बत्रा के रवैये पर सवाल उठाये और इसे हितों के टकराव का मामला बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से बत्रा का हस्तक्षेप हितों का टकराव है। वह एफआईएच के अध्यक्ष हैं और उस पद पर होने के कारण वह किसी भी तरह से राष्ट्रीय महासंघ के मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं।’’
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…