नगर निगम के अधीक्षण अभियंता व क्लर्क रिश्वत लेते गिरफ्तार…
फरीदाबाद। नगर निगम में भ्रष्टाचार का खूब बोलबाला है। यह किसी से छिपा नहीं है। बिना भेंट चढ़ाए ठेकेदारों को भुगतान की फाइलें ही आगे नहीं बढ़ती। बिना काम किए 200 करोड़ रुपये के भुगतान करने के मामले की विजिलेंस सहित विभिन्न एजेंसियां जांच कर रही हैं, पर इन सबके बावजूद अभी तक कोई बड़ा अधिकारी पकड़ में नहीं आया था। खैर मंगलवार को यह क्रम टूट गया। स्टेट विजिलेंस की टीम ने नगर निगम के अधीक्षण अभियंता(एसई) रवि शर्मा को ठेकेदार यश मोहन से काम के बिल के भुगतान के मामले में 50 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। विजिलेंस ने लेखा शाखा के एक क्लर्क रवि शंकर से भी रिश्वत के 90 हजार रुपये बरामद किए हैं। यह कार्रवाई कितनी महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि स्टेट विजिलेंस के एसपी अभिषेक जोरवाल के दिशा निर्देशन में एडिशनल एसपी अनिल यादव के नेतृत्व में यह कार्रवाई हुई।
यह है मामला
ठेकेदार यश मोहन ने वार्ड नंबर-38 के मलेरना रोड पर नगर निगम की योजना के तहत एक कम्युनिटी सेंटर बनाया था। ठेकेदार ने लगभग एक करोड़ रुपये नगर निगम से लेने थे। लगभग आठ महीने पहले यह काम पूरा कर लिया गया था। इसमें कुछ भुगतान तो हो गया था, पर 30 लाख रुपये अभी भी बकाया चल रहा था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि भुगतान कराने की एवज में ठेकेदार कुछ समय पहले दो लाख रुपये दे भी चुका था। अब बकाया भुगतान के बदले और भी राशि की मांग की गई थी। रिश्वत मांगने की रिकार्डिंग भी है। इसकी शिकायत ठेकेदार ने विजिलेंस से की और इसके बाद अधीक्षण अभियंता को रंगे हाथ गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया गया। मंगलवार की सुबह यश मोहन ने रिश्वत की रकम अधीक्षण अभियंता रवि शर्मा व क्लर्क रवि शंकर को दी और विजिलेंस टीम को संकेत किया। संकेत मिलते ही हरकत में आई टीम ने दोनों को पकड़ लिया। अधीक्षण अभियंता से 50 हजार रुपये व क्लर्क से 90 हजार रुपये की बरामदगी हुई। आवश्यक कार्रवाई के बाद विजिलेंस टीम को दोनों को अपने साथ ले गई और बाद में उनका मेडिकल कराया गया।
क्लर्क की 21 फरवरी को है शादी
नगर निगम के क्लर्क रवि शंकर मूल रूप से बाघोत्ता, महेंद्रगढ़ निवासी हैं। यहां पांच नंबर में किराये के मकान में रहता है। उसकी 21 फरवरी को शादी है। लेखा शाखा के अनुसार उसने 18 फरवरी से दस दिन की छुट्टियां ली हुई हैं। लेखा शाखा के उनसे कई सहयोगी कर्मचारियों का कहना है कि वह इन दिनों शादी की तैयारियों में लगा हुआ था और यहां खरीदारी के लिए अपने घर महेंद्रगढ़ से यह राशि लाया था। विजिलेंस के सूत्रों के अनुसार क्लर्क से जो 90 हजार रुपये राशि मिली है, वो रिश्वत की है। जामा तलाशी में कुछ अलग से राशि मिली है।
दो महीने पहले सेवानिवृत्त हुए थे एसई, फिर पाई नियुक्ति
एसई रवि शर्मा दो महीने पहले ही सेवानिवृत्त हुए थे। बाद में सरकार में अपने आकाओं की सिफारिश लगवा कर फिर से दो साल के लिए एक्सेंटशन पाकर नियुक्ति हासिल की। इन दिनों बल्लभगढ़ और एनआइटी में बतौर एसई कार्यभार देख रहे थे।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…