इस्लाम’ को पाकिस्तान ने चीन के सामने किया सरेंडर, जिनपिंग की नीतियों पर इमरान का बड़ा ‘इकरारनामा…

इस्लाम’ को पाकिस्तान ने चीन के सामने किया सरेंडर, जिनपिंग की नीतियों पर इमरान का बड़ा ‘इकरारनामा…

इस्लामाबाद, 14 फरवरी। इस्लाम के नाम पर पाकिस्तान का पाखंड सामने आ गया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान चीन में मुस्लिमों के साथ हो रही बर्बरता को मीडिया का किया-धरा बता दिया है और उलटे अपने पुराने अंदाज में भारत पर ही ठीकरा फोड़ने की कोशिश की है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने एक तरह से चीन की बंधुआ-मजदूरी स्वीकार कर ली है और जिन मुद्दों पर चीन की विस्तारवादी मानसिकता की पोल खुल चुकी है, उसमें भी पाकिस्तान घुटने टेक रहा है। पाकिस्तान की सरकार ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की सरकार के साथ जिन मुद्दों पर समझौता किया है, उससे लगता है कि आने वाले दिनों में वह इसके उपनिवेश बनने की ओर कदम बढ़ा चुका है। आमतौर पर इस्लाम से जुड़ा कोई मसला होता है तो पाकिस्तान और उसके हुक्मरान, सबसे बड़े रहनुमा बनने की कोशिश करते हैं। लेकिन, अब चीन की वजह से पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर पूरी दुनिया में बेनकाब हो चुका है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जो बयान दिया है, उससे यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि इस्लाम के मुद्दे पर पाकिस्तान के नेता सिर्फ अपने देश में राजनीतिक रोटियां सेंकते हैं, वास्तव में उन्हें इस्लामी मसलों से कोई लेना-देना नहीं है। दरअसल, पाकिस्तानी पीएम इमरान ने सीएनएन को एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने उइगर मुसलमानों के साथ हो रहे जुल्मों-सितम पर ना सिर्फ चीन को क्लीनचिट दे दिया है, बल्कि यहां तक कह दिया है कि यह सब पश्चिमी मीडिया का फैलाया हुआ झूठ है। इमरान खान का यह इंटरव्यू ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में 243 वैश्विक समूहों ने चीन में मुसलमानों के नरसंहार को लेकर चीन पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए कार्रवाई का आहवान किया है। चीन अपने कब्जे वाले शिंजियांग उइगर ऑटोनोमस रीजन (एक्सयूएआर) में मुसलमानों का किस हद तक उत्पीड़न कर रहा है, यह बात पूरी दुनिया जान चुकी है। लेकिन, इमरान खान ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार को इस मसले पर बचाते हुए कहा है, ‘चीन में पाकिस्तान के राजदूत मोइनुल हक ने एक्सयूएआर का दौरा किया था और कहा कि वहां के हालात ‘वैसे नहीं हैं, जैसे कि पश्चिमी मीडिया बताता है।’ खुद इमरान भी अपने आपको इस्लामिक मसलों का रक्षक साबित करने की कोशिश करते रहे हैं, लेकिन जब वैश्विक स्तर पर मुसलमानों के मुद्दे पर चीन को जिम्मेदार ठहराने की पहल की जा रही है, पाकिस्तान ने ड्रैगन के सामने घुटने टेक दिए हैं। दरअसल, पाकिस्तान आज की तारीख में आर्थिक और राजनयिक तौर पर पूरी तरह से चीन पर निर्भर हो चुका है। यही वजह है कि पाकिस्तानी लीडरशिप को चीन के मुसलमानों के नरसंहार के लिए जिम्मेदार होने के बावजूद सार्वजनिक तौर पर उसकी नीतियों के सामने सरेंडर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बच गया है। पाकिस्तान ऐसा मुल्क है, जो आतंकवाद के मसले पर भी दुनिया में बेनकाब हो चुका है और एक चीन ही बच गया है, जो उसके मुंह पर चंद हजार डॉलर फेंक कर उसकी मदद कर सकता है। इमरान के कार्यकाल में पाकिस्तान आर्थिक बदहाली के शिखर पर पहुंच चुका है और उसके लिए मदद के ज्यादातर रास्ते अपने कारनामों की वजह से पहले ही बंद हो चुके हैं। पाकिस्तान सिर्फ उइगर मुसलमानों के नरसंहार पर नहीं आंख मूंद रहा है, वह तमाम अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर ड्रैगन की जी हुजूरी में जुटा हुआ है। चाहे कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना का दक्षिण चीन सागर में दखलअंदाजी की बात हो या फिर बीजिंग ओलंपिक 2022 के उद्घाटन समारोह में उसकी वन-चाइना पॉलिसी का तिकड़म, पाकिस्तान और वहां के पीएम इमरान की नीति उसके सबसे बड़े भरोसेमंद सभी-मौसम वाले सहयोगी साबित करने की रही है। बीजिंग में इमरान खान और शी जिनपिंग की बैठक के बाद जो साझा बयान जारी किया गया, उसमें कहा गया है- ‘पाकिस्तान की तरफ से यह बताया गया कि यह ‘चीन की वन-चाइना पॉलिसी के प्रति प्रतिबद्ध है और ताइवान, साउथ चाइना सी, हॉन्ग कॉन्ग, शिंजियांग और तिब्बत पर चीन का समर्थन करता है।’ दिलचस्प बात ये है कि जब चीन में मुसलमानों के साथ हो रहे सुलूक को लेकर सवाल किया गया तो इमरान ने हमेशा की तरह भारत की ओर उंगली उठाने की कोशिश करते हुए कहा कि शिंजियांग के मसले की तुलना कश्मीर पर पाकिस्तान की ओर से लगाए जाने वाले आरोपों से करना उचित नहीं है। उन्होंने दावा किया कि ‘कश्मीर पाकिस्तान और भारत के बीच एक विवादित क्षेत्र है और भारत में आरएसएस विचारधारा की सत्ता है।’ उन्होंने दोनों के परमाणु राष्ट्र होने वाले अपने रटे हुए बयान को फिर दोहराया और कहा, ‘जबतक कि कश्मीर मुद्दे का हल नहीं होता, दोनों परमाणु शक्तियों के बीच जंग का डर कायम रहेगा।’ उन्होंने चीन में मुसलमानों की दुर्गति से आंख चुराते हुए, पाकिस्तानी जनता की आंख में धूल झोंकने की कोशिश के तहत भारत विरोधी राग अलापते हुए कहा, ‘भारत में एक त्रासदी सामने आई है। आरएसएस की विचारधारा ने भारत पर कब्जा कर लिया है। आप इससे कैसे निपटेंगे…..नफरत पर आधारित विचारधारा, नस्लीय श्रेष्ठता और मुस्लिमों से, अल्पसंख्यकों, क्रिश्चियन और बेशक पाकिस्तान से नफरत वाली विचारधारा।’ इमरान झूठ की बेशर्मी इस हकीकत के बावजूद पार कर चुके हैं कि आज पाकिस्तान में ना सिर्फ हिंदू और सिख अल्पसंख्यकों के साथ ज्यादती हो रही है, बल्कि ईसाई, अहमदिया और शियाओं को भी सताया जा रहा है। वहां तो अल्पसंख्यकों के सफाए के लिए ईशनिंदा जैसे हथियार को भी कानूनी जामा पहना दिया गया है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…