श्रीलंका ने बारुदी सुरंग रोधी संधि लागू करने वाले कानून को मंजूरी दी…
कोलंबो, 11 फरवरी। श्रीलंका की संसद ने बृहस्पतिवार को एक अंतरराष्ट्रीय संधि को लागू करने के लिए मानव-रोधी बारुदी सुरंगों के उपयोग, भंडारण, उत्पादन और हस्तांतरण को प्रतिबंधित करने वाले एक कानून को मंजूरी दे दी। श्रीलंका ने संधि को पांच साल पहले स्वीकार किया था।
न्याय मंत्री अली साबरी द्वारा बुधवार को पेश विधेयक को बिना मतदान के ही पारित कर दिया गया।
सरकारी बलों और अलगाववादी तमिल टाइगर विद्रोहियों पर श्रीलंका के गृहयुद्ध के दौरान व्यापक रूप से मानव-रोधी और टैंक-रोधी बारुदी सुरंगों का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था। वर्ष1997 में हुई ओटावा संधि में श्रीलंका वर्ष 2017 में शामिल हुआ था , जो मानव-रोधी बारुदी सुरंगों पर प्रतिबंध लगाता है।
नया कानून सैन्य और पुलिस कर्मियों को बारुदी सुरंगों का पता लगाने, निकासी, निष्क्रियता और विनाश में प्रशिक्षण के अलावा, ऐसी सुरंगों के उत्पादन, उपयोग या हस्तांतरण को प्रतिबंधित करता है। उल्लंघन करने पर 10 साल तक की जेल और लगभग 2,500 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र के शुरुआती अनुमानों के मुताबिक, गृहयुद्ध में करीब एक लाख लोग मारे गए थे।
सरकार ने 2016 में कहा था कि युद्ध के बाद बचे बारूदी सुरंगों या विस्फोटकों से 22,100 लोग मारे गए या घायल हुए।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…