पाकिस्तानी मंत्री ने ‘अल्पसंख्यकों का समर्थन’ करने के लिए निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश की तारीफ की…

पाकिस्तानी मंत्री ने ‘अल्पसंख्यकों का समर्थन’ करने के लिए निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश की तारीफ की…

इस्लामाबाद, 31 जनवरी। पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद की अपने स्वतंत्र फैसलों के जरिए ‘अल्पसंख्यकों का समर्थन’ करने के लिए सोमवार को सराहना की।

न्यायमूर्ति अहमद दो साल 42 दिन के कार्यकाल के बाद एक फरवरी को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उन्हें 21 दिसंबर, 2019 को सर्वोच्च न्यायिक पद पर नियुक्त किया गया था। न्यायमूर्ति उमर अता बंदियाल दो फरवरी को प्रधान न्यायाधीश का पद संभालेंगे।

सूचना मंत्री चौधरी ने सोशल मीडिया पर अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों के बारे में मुख्य न्यायाधीश अहमद के ‘‘ऐतिहासिक रुख’’ की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे उनके सम्मान और प्रतिष्ठा में काफी वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों पर उन्होंने जो ऐतिहासिक रुख अपनाया है, उससे उनकी प्रतिष्ठा में काफी इजाफा हुआ है।’’ मंत्री स्पष्ट रूप से 2020 में खैबर-पख्तूनख्वा के करक जिले में तेरी मंदिर पर इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ द्वारा हमले का जिक्र कर रहे थे।

न्यायमूर्ति गुलजार ने घटना का संज्ञान लिया और प्रांतीय सरकार को समाधि-सह-मंदिर को उसकी मूल स्थिति में बहाल करने का आदेश दिया। इतना ही नहीं उन्होंने अक्टूबर 2021 में प्रांतीय सरकार को इस बर्बरता में शामिल धार्मिक दल के दोषियों से 3.3 करोड़ रुपये वसूलने का भी आदेश दिया। बाद में मुख्य न्यायाधीश ने हिंदू समुदाय के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए पुनर्निर्मित मंदिर में दिवाली का त्योहार भी मनाया।

उन्होंने 2021 में पंजाब के रहिमयार खान इलाके में एक हिंदू मंदिर पर हुए हमले का भी संज्ञान लिया। उन्होंने पंजाब के पुलिस प्रमुख को तलब किया और मंदिर की सुरक्षा में विफल रहने के लिए उन्हें और उनके पुलिस बल की निंदा की। उन्होंने मंदिर के जीर्णोद्धार और इसकी सुरक्षा के लिए पुलिस की तैनाती के भी आदेश दिए।

चौधरी ने एक अन्य ट्वीट में दावा किया कि न्यायमूर्ति गुलजार जैसे न्यायाधीशों ने अल्पसंख्यकों का समर्थन किया और अपने कुछ भारतीय समकक्षों के विपरीत स्वतंत्र निर्णय दिए। मंत्री ने न्यायाधीशों की नियुक्ति के बारे में कानून में बदलाव का भी आह्वान किया और न्यायमूर्ति बंदियाल से न्यायपालिका की छवि सुधारने के लिए कहा।

उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के पांच न्यायाधीश 2022 में सेवानिवृत्त होने वाले हैं और उन्होंने संसद से न्यायिक नियुक्तियों के संबंध में संविधान में संशोधन लाने का आग्रह किया।

‘वर्ल्ड जस्टिस प्रोजेक्ट (डब्ल्यूजेपी) रूल ऑफ लॉ इंडेक्स 2021’ का जिक्र किए बिना उन्होंने कहा कि न्यायपालिका को अपनी प्रतिष्ठा बहाल करने का प्रयास करना चाहिए। इस सूचकांक में पाकिस्तान को दक्षिण एशिया के छह देशों में से पांचवें स्थान पर रखा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, सूचकांक में पाकिस्तान 139 देशों में 130वें स्थान पर है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…