बड़े भाग्य से मिलती हैं बेटियां: कैंसर से लड़ रहे पत्रकार के पोर्टल को बंद होने से बचाया बेटी ने…
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जेसीआई शाहगंज संस्कार ने नीतिका को किया सम्मानित, सबने सराहा…
नीतिका: नाज है…शाबाश… 👆
जौनपुर/लखनऊ। फूल, खुशबू, उनपे उड़ती तितलियों की खैर हो, सबके आंगन में चहकती बेटियों की खैर हो ! कहते हैं कि बेटियां बड़े भाग्य से मिलती हैं…यह शाहगंज कस्बे के निवासी रविशंकर वर्मा का सौभाग्य ही था कि जब वो कैंसर में बुरी तरह उलझी जिंदगी की डोर सुलझाने में व्यस्त थे, तो उनके काम-काज की देख-रेख का जिम्मा उनकी 13 साल की बेटी नीतिका ने सम्भाला। पिता मुंबई में अस्पताल में भर्ती थे और बेटी शाहगंज से पिता के न्यूज पोर्टल का संचालन बड़ी जिम्मेदारी के साथ कर रही थी। नगर की सामाजिक संस्था जेसीआई शाहगंज संस्कार ने सोमवार को उस बिटिया को राष्ट्रीय बालिका दिवस पर सम्मानित किया।
संस्था के अध्यक्ष जेसी विशाल जायसवाल ने बताया कि “तहलका 24×7” न्यूज पोर्टल के सम्पादक रविशंकर वर्मा को वर्ष 2019 में मुख कैंसर की पुष्टि हुई। रविशंकर अपने इलाज के लिए मुंबई गए जहां उनका ऑपरेशन हुआ। एकल परिवार होने के कारण देख-रेख करने वाला कोई नहीं था, नतीजा व्यापार बंद हो गया। यहां तक कि न्यूज पोर्टल भी देख-रेख के अभाव में बंद होने की नौबत आ गई। ऐसे में रविशंकर वर्मा की 13 साल की बेटी नीतिका ने जिम्मा सम्भाला। नीतिका को पिता से पहले ही स्क्रिप्ट और एडिटिंग की सरसरी जानकारी मिल चुकी थी। उसने विभिन्न सेंटरों से मिलने वाली खबरों को एडिट करना, न्यूज पोर्टल पर लगाना और उन्हे सोशल मीडिया के जरिए प्रसारित करना शुरू किया। बंद होने की कगार पर पहुंच चुका न्यूज पोर्टल फिर से खबरों की रोशनी से जगमगा उठा।
पत्रकार पिता रविशंकर कहते हैं कि जब हर तरफ अंधेरा ही दिख रहा था, उस गाढ़े वक्त में बेटी से मिले हौसले और उसके जज्बे की चमक से हिम्मत बंधी रही। सामाजिक संस्था जेसीआई शाहगंज संस्कार ने नीतिका को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कस्बे के सेंट जेवियर्स स्कूल में हाईस्कूल की छात्रा नीतिका ने सम्मानित होने के बाद इसे पिता को समर्पित किया और उन्हे अपना गुरु बताते हुए संस्था को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में जेसी गुलाम साबिर, जेसी पंकज सिंह, जेसी एखलाक खान, जेसी सुहैल, जेसी सरफराज, जेसी सेराज आतिश, जेसी आसिफ, जेसी हसन मेंहदी, जेसी तारिक आदि मौजूद रहे।
“हिंद वतन समाचार” की रिपोर्ट, , ,