सूचना देरी से देने पर इंस्पेक्टर पर 25 हजार रुपये जुर्माना…
फरीदाबाद, 21 जनवरी। क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण में आरटीआइ का समय पर जवाब न देने पर इंस्पेक्टर संत कुमार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। राज्य मुख्य सूचना आयुक्त यशपाल सिघल ने आदेश दिए हैं कि संत कुमार के वेतन में से यह राशि काट ली जाए। फिलहाल संत कुमार पलवल पुलिस अधीक्षक कार्यालय में नियुक्त हैं, लेकिन जब आरटीआइ के तहत सूचना मांगी गई थी तो वे क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण कार्यालय में मोटर व्हीकल आफिसर थे। उनके बाद यहां नियुक्त हुए अधिकारी अनिल कुमार को भी शोकाज नोटिस जारी हुआ था, क्योंकि पदभार संभालने के बाद उन्होंने भी इस सूचना को देने में देरी की थी।
आरटीआइ एक्टिविस्ट रविद्र चावला ने 12 अक्टूबर 2020 को प्राधिकरण के पास एक आरटीआइ लगाई थी। इसमें पूछा था कि ऐसे वाहनों की संख्या जिनकी वैधता मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार समाप्त हो चुकी है कितनी है। इसके अलावा जिन-जिन वाहनों की वैधता मोटर वाहन अधिनियम के तहत समाप्त हो चुकी है, उनमे से कितने ऐसे वाहन हैं जिनका रजिस्ट्रेशन नंबर कैंसिल कर दिया गया है। फिटनेस सर्टिफिकेट देने के क्या नियम हैं। वाणिज्यिक वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट कौन सा अधिकारी देता है, उसका पद और नाम बताया जाए। फिटनेस सर्टिफिकेट जारी होने के बाद जांच कौन सा अधिकारी करता है। क्या वाहन मालिक फिटनेस से संबंधित नियमों का पालन करते हैं। 30 दिन के अंदर सूचना नहीं दी गई तो प्रथम और द्वितीय अपील की गई। इस पर भी सूचना नहीं मिली। 22 दिसंबर 2021 को सूचना दी गई।
रविद्र चावला ने बताया कि अधिकतर सरकारी महकमों ने आरटीआइ को मजाक बना दिया है। समय पर सूचना नहीं दी जाती। कई बार तो सूचना दी ही नहीं जाती है। लोगों को सूचना लेने के लिए कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे अधिकारियों पर जुर्माने के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई भी होनी चाहिए।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…