गुजरात में बिजली ढांचागत सुविधा के लिये भू-उपयोग का मुआवजा हुआ दोगुना…
अहमदाबाद, 03 जनवरी। गुजरात सरकार ने बिजली पारेषण टावर लगाने और इलेक्ट्रिसिटी लाइन बिछाने के लिये जमीन के इस्तेमाल पर दिए जाने वाले मुआवजे में दो गुना वृद्धि की घोषणा की। इस कदम से किसानों और अन्य भूस्वामियों को लाभ होगा।
फिलहाल प्रभावित किसान और जमीन मालिक पारेषण गलियारा या मार्ग अधिकार (आरओडब्ल्यू) को लेकर अपने जमीन मूल्य की 7.5 प्रतिशत राशि ही पाने के हकदार हैं। लेकिन अब राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया है।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार अब गुजरात सरकार ने मुआवजा राशि बढ़ाकर दोगुनी कर दी है। इस बारे में अधिसूचना दो दिन पहले ही जारी कर दी गई थी।
मार्ग अधिकार यानी आरओडब्ल्यू भूमि की वह पट्टी है जहां टावर लगाने के बाद विद्युत पारेषण लाइनों का निर्माण किया जाता है। ऊपर से गुजरने वाली लाइन के दोनों तरफ पर भूमि का एक विशिष्ट हिस्सा भी आरओडब्ल्यू की परिभाषा के अंतर्गत आता है।
किसानों और अन्य जमीन मालिकों के प्रतिवेदनों के बाद मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने इस आशय का निर्णय किया।
आधिकारिक विज्ञप्ति में राजस्व विभाग की अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा गया है कि पारेषण लाइन के रास्ते में पड़ने वाले पेड़ों को काटे जाने से किसानों को उसके लिये अलग से मुआवजा दिया जाएगा।
विज्ञप्ति के अनुसार जमीन की कीमत उस क्षेत्र के लिये सरकार की तरफ से घोषित दरों के आधार पर तय की जाएगी। यह कीमतों में अधिकतम 10 प्रतिशत की वृद्धि के बाद होगी।
सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से बिजली संबंधी ढांचागत सुविधा लगाने के काम में तेजी आएगी।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…