आध्यात्मिक ज्ञान के अभाव में प्राणी महान कष्ट झेल रहा है: संत रामपाल जी महाराज…

आध्यात्मिक ज्ञान के अभाव में प्राणी महान कष्ट झेल रहा है: संत रामपाल जी महाराज…

सैक्टर 33 ऐ में एक दिवसीय कबीरपंथी समागम का आयोजन…

आध्यात्मिक ज्ञान के अभाव में परमात्मा के विधान से अपरिचित होने के कारण यह प्राणी इस दुःखों के घर संसार में महान कष्ट झेल रहा है और इसी को सुख स्थान मान रहा है। श्री मद भगवत गीता जी भगवान ने जिस परम धाम और परम शांती की बात की है उसकी प्रप्ति तत्वदर्शी संत की शरण में जाने से ही हो सकती है । उस सनातन परम धाम में परम शान्ति तथा अत्यधिक सुख है। ब्रह्म के लोक में चार मुक्ति मानी जाती हैं, जिनको प्राप्त करके साधक अपने को धन्य मानता है। परंतु वे स्थाई नहीं हैं। कुछ समय उपरांत पुण्य समाप्त होते ही फिर 84 लाख प्रकार की योनियों में कष्ट उठाता है। परंतु उस परम धाम अर्थात् सत्यलोक में चारों मुक्ति वाला सुख सदा बना रहेगा। ये प्रवचन गुलाटी भवन सैक्टर 33 ऐ चढीगढ में आयोजित एक दिवसीय कबीरपंथी समागम में संत रामपाल जी महाराज सतलोक आश्रम बरवाला ने सतसंग करते हुए कहे। उन्होनें बताया कि सद्ग्रंथों के गूढ रहस्य को पूर्ण संत ही बता सकते हैं।
पूर्ण परमात्मा की भक्ति से ही मुक्ति मिल सकती है। जब तक जीव वापस सतलोक यानि सचखंड में नहीं चला जाता। तब तक काल संसार में वही कर्म करेगा और स्वर्ग के होटलों में नाम और दान धर्म की प्रथा को समाप्त करके काल आधार पर लौट आएगा। सतपुरुष कबीर साहिब जी ने अपनी बानी के माध्यम से मानव समाज के कल्याण के लिए चार वेदों, श्री मद भगवत गीता और सर्व धर्म ग्रंथों का सार प्रदान किया। सतपुरुष कबीर साहेब चार युगों में आते हैं। जिसका प्रमाण उनकी बानी और विभिन्न संतों की बाणी से मिलता है। वर्तमान समय में मानव अशांति का कारण शास्त्र विधि के अनुसार भक्ति साधना का परित्याग और मनमाने ढंग से कार्य करना है। परम शांति और सनातन परम धाम की प्राप्ति के लिए हमें किसी पूर्ण संत की शरण में जाकर शास्त्रों के अनुसार सत भक्ति करनी चाहिए।
संत रामपाल जी महाराज द्वारा समाज और मानवता की सेवा के लिए शुरू किए गए अभियान का जिक्र करते हुए उनके भक्तों ने कहा कि संत रामपाल जी महाराज एक ऐसे समाज की अवधारणा को साकार कर रहे थे जिसमें पूरे देश में हजारों दहेज मुक्त विवाह करवाए जाते हैं । संत रामपाल जी महाराज का मुख्य लक्ष्य है धर्मग्रंथों के अनुसार शास्त्र अनूकूल साधना की शिक्षा देकर समाज को , नशा मुक्त भ्रष्टाचार मुक्त, पाखंड मुक्त, अश्लीलता मुक्त बनाना और सच्ची भक्ति करवाना। इस अभियान के तहत राज्य स्तर पर रक्तदान शिविर लगाने, नशे के खिलाफ जागृति अभियान , दहेज और फजूल खर्ची मुक्त विवाह की व्यवस्था करने और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लोगों में जागरूकता पैदा करने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर प्रेम सिंह को-ऑडिनेटर चंडीगढ़ , सुखदेव खटाना , राजिंदर कुमार, देवराज पॉल, सुनील शर्मा, अमरीक सिंह, भारत रॉबिंसन, मोहित कालिया, मधु कालिया, विनय प्रकाश, हेमंत कुमार गुप्ता, शशि प्रभा, डॉक्टर सुरिंदर पल भगत, सुषमा कुमारी, हरदीप सिंह,डूंगर राम सहित पूरे चंडीगढ़ से सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…