
इस अवसर पर राज्यपाल जी ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को पढ़ने, बैठने, लिखने एवं खेलने की सामग्री मिलने से आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चे उत्साहपूर्वक आंगनबाड़ी केन्द्रांे पर आयेंगे। राज्यपाल जी ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में जिन महाविद्यालयों ने हिस्सा लिया है वे सब बधाई के पात्र है। उन्होंने विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय प्रशासन से अपील की कि उनके द्वारा जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुदृढ़ एवं सुविधा सम्पन्न बनाया जा रहा है, उनकी समय-समय पर मॉनटरिंग करते रहे क्योंकि हमारे भारत का भविष्य आंगनबाड़ी में पलता है। इसलिये अपने सामाजिक दायित्व को निभायें। अगर आप चाहेंगे तो परिवर्तन निश्चित रूप से हो सकता है बस हमें संकल्प लेना होगा।
राज्यपाल जी ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में ग्राम प्रधान भी शामिल है। उन्होंने ग्राम प्रधानों से अपील की कि गांव के सर्वांगीण विकास के लिये कार्य करें। आपको सरकार द्वारा गाँव के विकास के लिए अनेक उपहार दिये। इसलिये केन्द्र तथा राज्य सरकार की समस्त योजनाओं को अपनी ग्राम सभा के सभी लोगों को उसका लाभ दिलायें। क्योंकि सभी योजनाएं आप सभी के माध्यम से संचालित होती हैं। उन्होंने कहा कि आप अपनी ग्राम सभा के कुपोषित बच्चों की देखभाल करें, उन्हें कुपोषण मुक्त करने में सहयोग करें और प्रयास करें कि ग्राम सभा की समस्त गर्भवती महिलाओं का प्रसव अस्पताल में ही हो। इसके लिए शत्-प्रतिशत पंजीकरण भी कराये। राज्यपाल जी ने कहा कि आयुष्मान योजना के कार्ड अपनी ग्राम सभा के समस्त परिवारों की प्राथमिकता बनवाएं, ताकि बीमारी के समय उन्हें आर्थिक मदद मिल सके।
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 आलोक कुमार राय ने बताया कि आज आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाने हेतु जो पठन-पाठन एवं खेल-कूद सामग्री वितरित की गयी है वह लखनऊ विश्वविद्यालय तथा सम्बद्ध महाविद्यालयों के सहयोग से प्रदान की गयी है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों को इस बात का एहसास है कि वो भी समाज का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि उसी सामाजिक दायित्व को निभाते हुए सहयोग व सहकार की भावना से समाज उत्थान का कार्य किया जा रहा है।
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि अब तक जिले के 360 आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाया जा चुका है। जबकि 8112 बच्चों को कुपोषण मुक्त किया जा चुका है। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से कहा कि आपके केन्द्र में शत्-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बन जाये तथा आंगनबाड़ी केन्द्र में खाली पड़ी जमीन पर आर्गेनिक शाक-भाजी लगाने का प्रयत्न करें, जिससे बच्चों को हरी सब्जियां मिल सकेंगी। उन्होनंे कहा कि आपके आंगनबड़ी केन्द्रों पर 100 प्रतिशत बच्चों का पंजीकरण होना चाहिए तथा ये सुनिश्चित करे कोई भी बच्चा कुपोषित न रह जायें।
कार्यक्रम में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री महेश कुमार गुप्ता, विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, जिला प्रशासन के अधिकारीगण, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां एवं बच्चे मौजूद थे।