दिल्ली में पात्र 100 फीसद लोगों को लगी कोरोना वैक्सीन की पहली डोज : अरविंद केजरीवाल..
नई दिल्ली, 24 दिसंबर | मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के व्यक्तिगत प्रयासों के चलते दिल्ली ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए अपने पात्र 100 फीसद लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगा दी है। दिल्ली को यह उपलब्धि हासिल करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा दिल्ली ने पात्र 100 फीसद लोगों को पहली डोज लगा दी है, यानि कि दिल्ली के 148.33 लाख लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज ले ली है। दिल्ली को यह उपलब्धि दिलाने के लिए मैं अपने डॉक्टरों, एएनएम, शिक्षकों, आशा, सीडीवी और अन्य सभी फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को सलाम करता हूं और सभी डीएम, सीडीएमओ, डीआईओ समेत सभी जिला पदाधिकारियों को बधाई देता हूं। वहीं, पात्र 100 फीसद लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगने के बाद दिल्ली कोरोना से काफी हद तक सुरक्षित हो गई है। साथ ही, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ओमिक्रॉन वेरिएंट से निपटने के लिए हर स्तर पर तैयार है और सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुरू से ही युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन को लेकर बेहद गंभीर रहे हैं। वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिशा-निर्देश में दिल्ली सरकार ने कई पहलें कीं, ताकि लोग वैक्सीनेशन के लिए आगे आएं। इसके लिए, दिल्ली में जगह-जगह वैक्सीनेशन सेंटर खोले गए। स्कूलों और मोहल्ली क्लीनिक्स के अलावा अस्पतालों में वैक्सीनेशन कराने की सुविधा प्रदान की गई, ताकि लोग आसानी से वैक्सीन लगवा सकें। वहीं, बीते मई माह में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने द्वारका सेक्टर-12 में ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन की शुरूआत की थी। दिल्ली सरकार ने ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन, उन लोगों के लिए शुरू की थी, जो लोगों कामकाजी थे और व्यस्तता के कारण वैक्सीनेशन सेंटर पहुंच कर वैक्सीन नहीं लगवा पा रहे थे। ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन के तहत लोगों को अपनी गाड़ी में भी वैक्सीन लगवाने की सुविधा प्रदान की गई। इसमें सफलता मिलने के बाद दिल्ली के कई अन्य इलाकों में भी ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन की शुरूआत की गई।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए लोगों को जागरूक करने पर भी फोकस किया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर अधिकारियों ने दिल्ली में वैक्सीनेशन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत किया, जिसके बाद दिल्ली में तीन लाख वैक्सीन की डोज प्रतिदिन लगाने की क्षमता हो गई। इसके अलावा, जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी, उनको लक्षित किया गया और उन तक पहुंच कर उन्हें वैक्सीन लगाई गई। दिल्ली सरकार ने विभिन्न माध्यमों के जरिए लोगो को वैक्सीनेशन कराने के लिए आगे आने की अपील की। दिल्ली सरकार ने हर घर दस्तक और नो वन लेफ्ट बिहाइंड कैंपेन के जरिए दिल्ली वासियों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया। इसका परिणाम यह रहा कि तेजी से लोग वैक्सीनेशन के लिए आगे आए और आज दिल्ली में पात्र 100 फीसद लोगों ने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ले ली है। यानि कि दिल्ली में वैक्सीनेशन के लिए पात्र 148.33 लाख लोगों को पहली डोज लग चुकी है। इसके साथ ही, 1.035 करोड़ से अधिक लोगों ने वैक्सीन की दूसरी डोज भी ले ली है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के व्यक्तिगत प्रयासों के चलते दिल्ली ने एक तरफ जहां अपने पात्र सभी 100 फीसद लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दे दी है, वहीं कोरोना से ओमिक्रॉन वेरिएंट से निपटने के लिए आवश्यक कदम भी उठा रही है। इसको लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक्शन में हैं और गुरुवार को उन्होंने दिल्ली सचिवालय में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। दिल्ली सरकार ने ओमिक्रॉन से निपटने के लिए अस्पताल, बेड्स, दवाइयों और ऑक्सीजन का पुख्ता इंतजाम कर लिया है और होम आइसोलेशन को और मजबूत कर रही है। समीक्षा बैठक में टेस्ट क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया गया। जिसके बाद दिल्ली में अब जरूरत पड़ने पर तीन लाख टेस्ट प्रतिदिन हो पाएंगे। दिल्ली सरकार प्रतिदिन एक लाख केस को आधार मानकर अपनी तैयारियों को अंजाम दे रही है। दिल्ली सरकार के पास अभी एक दिन में 1100 घरों का दौरा की क्षमता है, जिसे बढ़ाकर एक लाख तक किया जा रहा है। ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्टेशन के लिए 15 टैंकर्स लिए जा रहे हैं, जो अगले तीन हफ्ते में दिल्ली को मिल जाएंगे। दिल्ली में हुए सीरो सर्वे में 95 फीसद से अधिक लोगों में एंटीबॉडीज मिली है और अब पात्र 100 फीसद लोगों को वैक्सीन की पहली डोज भी लग चुकी है और 1.035 करोड़ से अधिक लोगों ने वैक्सीन की दूसरी डोज लगवा ली है। इसलिए संभव है कि दिल्ली में ओमिक्रॉन का प्रकोप ज्यादा न हो। इसके बावजूद अगर ओमिक्रॉन फैलता है, तो इससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार पूरी तरह से तैयार है।
केजरीवाल सरकार कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर काफी गंभीर है। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री के निर्देश पर फिलहाल करीब 37 हजार कोविड बेड्स और 10594 कोविड आईसीयू बेड्स तैयार कर लिया गया है। इसके अलावा, 6800 आईसीयू बेड्स निर्माणाधीन हैं। वहीं, यदि संक्रमण बढ़ता है, तो सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि दो हफ्ते की शॉर्ट नोटिस पर दिल्ली के हर वार्ड में 100-100 ऑक्सीजन बेड्स तैयार कर लिए जाएंगे। इस तरह दिल्ली सरकार की तैयारी 65 हजार तक बेड्स तैयार करने की है, ताकि किसी को भी बेड्स की दिक्कत न आए।
कोरोना की बीती लहरों के दौरान मरीजों की अच्छी देखभाल करने में होम आइसोलेशन प्रणाली काफी मददगार साबित हुई थी। इसलिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर होम आइसोलेशन प्रणाली को और मजबूत किया जा रहा है। जिससे कि कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों को घर पर ही अच्छे से इलाज दिया जा सके। इसके लिए सरकार ने एक मजबूत सिस्टम बनाया हुआ है। मेडिकल टीम को निर्देश दिए गए हैं कि पता चलते ही वे होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज के घर जाएं और आवश्यक सावधानियों आदि के बारे में बताएं। इस दौरान टीम मरीज के स्वास्थ्य की स्थिति आदि का आंकलन करेगी और ऑक्सीमीटर सहित होम आइसोलेशन किट देगी। इसके बाद, टेली कॉलर टीमें सुबह-शाम कॉल कर स्वास्थ्य की जानकारी लेती रहेंगी। अगर मरीज की तबीयत गंभीर होती है, तो उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोविड बेड्स के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में दवाइयों की उपलब्धता पर भी बल दिया है, जिससे कि किसी भी परिस्थिति के दौरान दवाइयों की कमी न आए। सीएम अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर कोविड मरीजों के इलाज में उपयोगी 32 प्रकार की दवाइयों का दो महीने का बफर स्टॉक किया जा रहा है। साथ ही, सीएम अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को आवश्यक दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता पर लगातार नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
कोविड मरीजों के इलाज के लिए मैन पावर की कमी न हो, इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ-साथ मेडिकल स्टूडेंट्स, नर्सेज और पैरामेडिक्स स्टॉफ को विशेष प्रशिक्षण दिया है। दिल्ली सरकार ने करीब 15370 डॉक्टर्स, नर्सेज, मेडिकल स्टूडेंट्स और पैरामेडिक्स को ऑक्सीजन थेरेपी, कोविड प्रबंधन, पीडियाट्रिक वार्ड आदि का विशेष प्रशिक्षण दिया है। जिसमें 4673 डॉक्टर्स, 1707 मेडिकल छात्र, 6265 नर्सेज और 2726 पैरामेडिक्स शामिल हैं।
दिल्ली सरकार ने डॉक्टर्स और नर्सेज की मदद के लिए पांच हजार हेल्थ असिस्टेंट को भी ट्रेनिंग दिया है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इनकी मदद ली जा सके। हेल्थ असिस्टेंट को नर्सिंग, पैरामेडिक्स, होम केयर, ब्लड प्रेशर मापने, वैक्सीन लगाने समेत अन्य बेसिक ट्रेनिंग दी गई है। ये डॉक्टर्स और नर्स के सहयोगी के तौर पर काम करेंगे और खुद से कोई निर्णय नहीं लेंगे। इनकी मदद से डॉक्टर अधिक कुशलता पूर्वक काम कर पाएंगे और मरीजों की देखभाल भी काफी बेहतर हो सकेगी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों को डॉक्टर्स, नर्सेज और पैरामेडिक्स स्टॉफ की अपने यहां स्वीकृत संख्या में आवश्यकतानुसार इजाफा करने के भी निर्देश दिए हैं। अस्पताल अपने यहां स्वीकृत संख्या से 25 फीसद अतिरिक्त डॉक्टर्स और 40 फीसदी अतिरिक्त नर्सेज और पैरामेडिक्स स्टॉफ बढ़ा सकते हैं। फिलहाल इन अतिरिक्त डॉक्टर्स, नर्सेज और पैरामेडिक्स स्टाफ की नियुक्ति 31 मार्च 2022 तक की जाएगी। कोविड के साथ-साथ गैर कोविड अस्पतालों में भी नियुक्त किए गए अतिरिक्त स्टॉफ की नियुक्ति को 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
केजरीवाल सरकार ने कोविड मरीजों को किसी भी दिक्कत के दौरान मदद के लिए कोविड हेल्पलाइन नंबर 1031 जारी किया है। इस हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे मदद ली जा सकती है। यहां तीन शिफ्टों में 25 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं, जो 600 से 700 कॉल अटेंड करने में सक्षम हैं। अगर कॉल संख्या में वृद्धि होती है, तो इनकी संख्या बढ़ा दी जाएगी। कोई भी हेल्पलाइन नंबर पर काल कर ऑक्सीजन सिलेंडर, टेली परामर्श, पल्स ऑक्सीमीटर, मेडिसिन किट, वैक्सीनेशन, अस्पताल में बेड की उपलब्धता, होम आइसोलेशन, एंबुलेंस सेवा, टेस्ट समेत अन्य जानकारी प्राप्त कर सकता है।
दिल्ली सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी मजबूत कर लिया है। वर्तमान में दिल्ली सरकार के पास एमएलओ स्टोरेज, एमएलओ बफर, पीएसए प्लांट्स को मिलाकर 1363.73 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की क्षमता हो गई है। दिल्ली में पहले ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं होता था, लेकिन अब 121 मीट्रिक टन ऑक्सीजन बननी चालू हो गई है। आपात स्थिति में इस्तेामल के लिए 6,000 ‘डी’ टाइप सिलेंडर रिजर्व में रखे गए हैं। दिल्ली में पहले ऑक्सीजन रिफिलिंग क्षमता एक दिन में 1,500 सिलेंडर थी। अब इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए 12.5 मीट्रिक टन की क्षमता के दो क्रॉयोजेनिक प्लांट स्थापित किए गए हैं, जिससे प्रतिदिन अतिरिक्त 1,400 जंबो सिलेंडर भरे जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर सभी छोटे-बड़े ऑक्सीजन टैंकों में टेलीमेट्री उपकरण स्थापित किए जा रहे है, जिससे कि ऑक्सीजन की उपलब्धता का वास्तवित डेटा मिलता रहे। इस उपकरण के लगाने से डैशबोर्ड पर ऑक्सीजन की रीयल टाइम डेटा उपलब्ध होगा। इसकी मदद से अधिकारियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के साथ-साथ ऑक्सीजन की स्थिति को ट्रैक करने में मदद मिलेगी।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट