पोप ने क्रिसमस से पहले अपने वार्षिक संबोधन में विनम्र व्यवहार पर दिया जोर…
रोम, 23 दिसंबर। पोप फ्रांसिस ने बृहस्पतिवार को वेटिकन के कार्डिनल, पादरियों और नौकरशाहों से क्रिसमस के उत्सव के समय विनम्रता अपनाने का आग्रह करते हुए कहा कि अभिमान, पद का दंभ, स्वार्थ की भावना उनके आध्यात्मिक जीवन को विकृत कर रही है और चर्च के मिशन को भ्रष्ट कर रही है।
हर बार की तरह पोप फ्रांसिस ने क्रिसमस से पूर्व अपने वार्षिक संबोधन में वेटिकन के प्रशासकों को नैतिक मूल्यों के पतन, व्यक्तिगत हित को परे रखने की नसीहत दी तथा कैथोलिक चर्च की परंपरा की आड़ लेकर बचने के बजाए विनम्रता अपनाने को कहा।
क्रिसमस ट्री और फूलों से सजाए गए ‘हॉल ऑफ ब्लेसिंग’ में पोप ने कार्डिनल और पादरियों को संबोधित किया। पोप ने कहा, ‘‘विनम्र वे हैं जो न केवल अतीत बल्कि भविष्य को लेकर भी चिंतित हैं क्योंकि वे जानते हैं कि कैसे आगे देखना है, अपनी शाखाओं को फैलाना है, अतीत को कृतज्ञता के साथ याद करना है।’’
पोप ने कहा, ‘‘दूसरी ओर, अभिमानी बस अपना व्यवहार दोहराते हैं, कठोर होते जाते हैं और खुद को उस दोहराव में संलग्न कर लेते हैं। कुछ भी नया अपनाने से वे डरते हैं क्योंकि वे इसे नियंत्रित नहीं कर सकते।’’
पोप ने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप, वे न तो अपने पापों से सीखते हैं और न ही वे वास्तव में क्षमा मांगने के लिए तैयार हैं। यह भ्रष्ट आचरण है। हमें इससे बचने की जरूरत है।’’ वर्ष 2013 में पोप बनने के बाद से फ्रांसिस क्रिसमस पर अपने संबोधन में वेटिकन की नौकरशाही को झकझोरते रहे हैं। उन्होंने संस्थानों और कैथोलिक चर्च में सुधार पर भी जोर दिया है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट