अपहरण का शक होने पर चलते ऑटो से कूदी महिला…
ट्विटर पर साझा किया अपना डर, जानें पूरा मामला…
गुरुग्राम/हरियाणा। गुरुग्राम में एक महिला के साथ बड़ा हादसा होते-होते बच गया। 28 वर्षीय यह महिला अपहरण के डर से चलते ऑटो से कूद गई। बाद में उसने ट्विटर पर अपना यह अनुभव साझा किया।
महिला के मुताबिक रविवार की दोपहर बाजार से वापस लौटते समय उसके साथ यह घटना हुई। महिला गुरुग्राम के सेक्टर 22 के बाजार से अपने घर जाने के लिए ऑटो में सवार हुई थी। आम तौर पर ऑटो से घर पहुंचने में उसे सात मिनट लगते हैं। महिला ने बताया- ‘रात के करीब 12.30 बजे थे। मैंने ऑटो चालक से कहा कि मेरे पास कैश नहीं है। मैं ऑनलाइन पेमेंट कर दूंगी। वह मान गया और मैं अंदर बैठ गई। ड्राइवर ऑटो में भक्ति संगीत बजा रहा था। जब ऑटो एक क्रॉसिंग पर पहुंचा, तो ड्राइवर ने दाएं की बजाए बाईं ओर मोड़ लिया। इस पर मैंने पूछा कि उसने बाईं तरफ क्यों ले लिया है। इस पर उसने कोई ध्यान नहीं दिया।’
महिला के मुताबिक उसने ड्राइवर के कंधे पर आठ से दस बार मारा लेकिन उसने गाड़ी चलाना जारी रखा। महिला ने कहा- ‘मेरे दिमाग में एक ही विचार आया कि मैं बाहर कूद जाऊं। उस समय ऑटो की रफ्तार करीब 35-40 किलोमीटर प्रति घंटे रही होगी। इससे पहले कि वह और तेज ऑटो दौड़ाता, मुझे बाहर कूदना पड़ा। मुझे लगा कि टूटी हुई हड्डियां अपहरण हो जाने से बेहतर हैं।’ गुरुग्राम में एक महिला के साथ बड़ा हादसा होते-होते बच गया। 28 वर्षीय यह महिला अपहरण के डर से चलते ऑटो से कूद गई। बाद में उसने ट्विटर पर अपना यह अनुभव साझा किया। महिला के मुताबिक रविवार की दोपहर बाजार से वापस लौटते समय उसके साथ यह घटना हुई।
संचार के क्षेत्र में कार्यरत एक पेशेवर महिला गुरुग्राम के सेक्टर 22 के बाजार से अपने घर जाने के लिए ऑटो में सवार हुई थी। आम तौर पर ऑटो से घर पहुंचने में उसे सात मिनट लगते हैं। महिला ने बताया- ‘रात के करीब 12.30 बजे थे। मैंने ऑटो चालक से कहा कि मेरे पास कैश नहीं है। मैं ऑनलाइन पेमेंट कर दूंगी। वह मान गया और मैं अंदर बैठ गई। ड्राइवर ऑटो में भक्ति संगीत बजा रहा था। जब ऑटो एक क्रॉसिंग पर पहुंचा, तो ड्राइवर ने दाएं की बजाए बाईं ओर मोड़ लिया। इस पर मैंने पूछा कि उसने बाईं तरफ क्यों ले लिया है। इस पर उसने कोई ध्यान नहीं दिया।’
महिला के मुताबिक उसने ड्राइवर के कंधे पर आठ से दस बार मारा लेकिन उसने गाड़ी चलाना जारी रखा। उसने सिर्फ इतना जवाब दिया- ‘जोर से भगवान का नाम लो।’ महिला ने लिखा- ‘मेरे दिमाग में एक ही विचार आया कि मैं बाहर कूद जाऊं। उस समय ऑटो की रफ्तार करीब 35-40 किलोमीटर प्रति घंटे रही होगी। इससे पहले कि वह और तेज ऑटो दौड़ाता, मुझे बाहर कूदना पड़ा। मुझे लगा कि टूटी हुई हड्डियां अपहरण हो जाने से बेहतर हैं। इसके बाद मैं चलते ऑटो से सड़क पर कूद गई।’
सड़क पर कूदने की वजह से महिला को हल्की चोट आई। वह खुद ही उठी और किसी तरह अपने घर की ओर पैदल ही बढ़ने लगी। इस दौरान वह बार-बार पीछे देखते रही कि कहीं ऑटो ड्राइवर उसका पीछा तो नहीं कर रहा है। बाद में एक ई-रिक्शा उधर से जाते हुए दिखा तो उसने उसे रोका और घर पहुंची। जल्दबाजी में ऑटो का नंबर नोट नहीं कर सकी। महिला ने कहा कि उस समय वह एक अलग तरह के अनुभव से गुजर रही थी और इसीलिए नंबर नोट करने का ख्याल ही नहीं रहा।
अगले दिन उसने एक के बाद एक कई ट्वीट करके अपने साथ हुई इस घटना को साझा किया ताकि अकेले सफर करने वाली दूसरी महिलाएं इस बारे में जागरूक हों। इसके बाद पुलिस ने उससे सम्पर्क किया। महिला ने एफआईआर दर्ज कराने की बजाए पुलिस से ड्राइवर की काउंसलिंग करने को कहा। वह पालम विहार पुलिस स्टेशन गई। महिला ने कहा कि पुलिस ने उसे आश्वस्त किया है कि वो इस शख्स को ढूंढ निकालेगी।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…