पिछली सरकार की सोच एक परिवार तक सीमित थी : योगी आदित्यनाथ…
जौनपुर, 20 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पिछली सरकार की सोच संकुचित थी, छोटी थी, इसलिए एक परिवार तक सीमित थी।
जौनपुर जिले के मछलीशहर स्थित फौजदार इंटर कॉलेज में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितित गडकरी के साथ करीब 1500 करोड़़ रुपये की परियोजनओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए योगी ने पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार पर तीखा प्रहार किया।
उन्होंने कहा, ”छोटी सोच के लोग बड़ा काम नहीं कर सकते हैं। पिछली सरकार की सोच संकुचित थी, छोटी थी, इसलिए एक परिवार तक सीमित थी।” मुख्यमंत्री ने कहा, ”आज प्रधानमंत्री मोदी जी के लिए भारत की 135 करोड़ आबादी ही परिवार है, इसलिए भारत सरकार के स्तर पर अवसंरचना, विकास की बड़ी-बडी परियोजनाएं आज लागू की जा रही हैं और उसका परिणाम है कि भारत का दुनिया में सम्मान बढ़ा है।”
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ””विकास संकुचित सोच से नहीं होता है, विकास के लिए विराट सोच चाहिए, जो लोग क्षेत्र के नाम पर जाति के नाम पर, भाषा के नाम पर, परिवार के नाम पर, वंश के नाम पर राजनीति करते थे वह बड़ी सोच नहीं दे सकते थे।”
योगी ने कहा, ”जिन लोगों ने भारत को परिवार माना है और पूरे देश के विकास की एक विराट सोच को लेकर कार्य शुरू किया है आज उसका परिणाम है कि विकास के कार्य युद्ध स्तर पर चलते हुए दिखाई दे रहे हैं।”
उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद नितिन गडकरी की भी प्रशंसा की। योगी ने कहा कि भगवान राम त्रेता युग में हुए थे। लेकिन राम जानकी मार्ग की ओर किसी का ध्यान नहीं गया,उस मार्ग का विकास गडकरी जी ने किया। वहां युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है।
उन्होंने 2022 में फिर बहुमत की सरकार बनाने का आह्वान करते हुए कहा, ” हम समस्या के समाधान का संकल्प लेकर आए हैं, जो समस्या का समाधान करे वही सरकार है और जो समस्या पैदा करे, वही वंशवाद और परिवारवाद वाले राजनेता हैं।”
उन्होंने कहा, ”परिवारवाद और वंशवाद के आधार पर जिन लोगों ने नौजवानों, किसानों, बेरोजगारों और गरीबों को बदहाल किया और जाति के नाम पर आपस में लड़ाने और पेशेवर माफिया को संरक्षण देकर व्यापारियों को डराने और जमीनों पर कब्जा करने का कार्य किया वे लोग विकास नहीं करा सकते हैं।”
उन्होंने दावा किया कि पांच वर्ष में पांच लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी गई है। उन्होंने अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की चर्चा करते हुए दावा किया कि 2023 में रामलला भव्य मंदिर में विराजमान होंगे।
मुख्यमंत्री ने सवाल करते हुए कहा, ”क्या पिछली सरकारों में कभी श्रमिकों का सम्मान होते हुए देखा था? पहले श्रमिकों के मानदेय और पारिश्रमिक पर ही डकैती डाल दी जाती थी। लेकिन हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रमिकों को सम्मान देने का काम किया और काशी विश्वनाथ धाम इसका उदाहरण है।
संवाददाता मोहम्मद उरूज़ की रिपोर्ट…