हाईकोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार-जब ओमिक्रॉन हाहाकार मचाकर चला जाएगा…
तब जगेंगे क्या…
झारखंड: झारखंड के रिम्स अस्पताल में लचर व्यवस्था पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख दिखाया है और हेमंत सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोरोना संक्रमण को लेकर की गई व्यवस्थाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रविरंजन ने सरकार से सवाल किया कि ओमिक्रॉन से बचाव के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं? इससे आपकी बचाव की रणनीति क्या है? इन सवालों का सरकार की ओर से स्पष्ट जवाब न मिलने पर हाईकोर्ट ने सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए टिप्पणी की और कहा- क्या ओमिक्रॉन राज्य में हाहाकार मचाकर चला जाएगा तब झारखंड में जीमोन सिक्वेंसिंग की मशीन आएगी?
झारखंड सरकार की ओर से कोर्ट में दिए गए जवाब में बताया गया कि कोरोना संक्रमित का सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भुवनेश्वर भेजा जाता है, इस कारण जांच रिपोर्ट आने में देरी होती है।इस पर हाई कोर्ट ने राज्य में जीनोम सिक्वेंसिंग जांच उपल्ब्ध कराने के निर्देश दिए थे, इसपर जब कोर्ट ने सरकार से सवाल पूछे तो राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि नए वैरिएंट की पहचान के लिए राज्य के लिए दो मशीनें खरीदने की प्रक्रिया चल रही है और इसमें करीब एक महीने का समय लग सकता है।
इसके साथ ही सरकार की ओर से बताया गया कि यह मशीनें काफी महंगी हैं और इन्हें सीमित कंपनियां ही बनाती हैं। सरकार ने कोर्ट में बताया कि जीमोन सिक्वेंसिंग की एक मशीन रांची की रिम्स में तो दूसरी एमजीएम जमशेदपुर मेडिकल कॉलेज में लगाई जाएगी।
बता दें कि देश में ओमिक्रॉन के मामले अब बढ़ते जा रहे हैं और कई राज्यों में मरीज मिलने शुरू हो गए हैं। सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में मिले हैं, ओमिक्रॉन को लकेर केंद्र सरकार काफी सावधानी बरत रही है एक तरफ टीकाकरण में तेजी लाई जा रही है तो दूसरी तरफ दूसरे देशों से आनेवाले लोगों की जांच में भी पूरी सतर्कता बरती जा रही है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…