यूएनजीए ने अफगानिस्तान, म्यांमार के प्रतिनिधियों पर कार्रवाई टाली…
संयुक्त राष्ट्र, 07 दिसंबर। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अफगानिस्तान और म्यांमार के प्रतिनिधियों पर कार्रवाई टालने का फैसला किया है, जिसका मतलब है कि मौजूदा प्रतिनिधि अपने देशों का प्रतिनिधित्व करना जारी रखेंगे।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के वर्तमान प्रतिनिधि, गुलाम एम. इसाकजई को अगस्त में तालिबान के अधिग्रहण से पहले पूर्व अशरफ गनी सरकार द्वारा नियुक्त किया गया था।
म्यांमार के प्रतिनिधि, क्याव मो तुन को 1 फरवरी के सैन्य तख्तापलट से पहले निर्वाचित नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी सरकार द्वारा नियुक्त किया गया था।
तालिबान ने जहां कतर में उसके प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन को अपना स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया है, वहीं म्यांमार के सैन्य शासन ने इस पद पर आंग थुरिन को नामित किया है। उनमें से कोई भी विश्व निकाय द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है।
महासभा ने सोमवार को अपनी साख समिति की रिपोर्ट को बिना वोट के मंजूरी देने का प्रस्ताव पारित किया।
क्रेडेंशियल्स कमेटी ने बताया कि महासभा के मौजूदा सत्र में अफगानिस्तान और म्यांमार के प्रतिनिधित्व से संबंधित दो परस्पर विरोधी संचार थे।
क्रेडेंशियल कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, अध्यक्ष (क्रेडेंशियल्स कमेटी के) ने प्रस्तावित किया कि समिति म्यांमार के प्रतिनिधियों से संबंधित क्रेडेंशियल्स और अफगानिस्तान के प्रतिनिधियों से संबंधित क्रेडेंशियल्स पर महासभा के 76वें सत्र के लिए अपने निर्णय को स्थगित कर दिया था। इस प्रस्ताव को बिना (क्रेडेंशियल्स कमेटी द्वारा) वोट के अपनाया गया था।
कार्रवाई में देरी अनिश्चित है क्योंकि क्रेडेंशियल कमेटी की कोई और बैठक निर्धारित नहीं है।
क्रेडेंशियल कमेटी बहामास, भूटान, चिली, चीन, नामीबिया, रूस, सिएरा लियोन, स्वीडन और अमेरिका से बनी है।
स्वीडिश संयुक्त राष्ट्र के राजदूत अन्ना करिन एनेस्ट्रोम समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…