लोकतंत्र शिखर सम्मेलन से चीन का बहिष्कार, पाक असमंजस में…
नई दिल्ली, 07 दिसंबर। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस सप्ताह लोकतंत्र पर वर्चुअल शिखर सम्मेलन बुलाया है। इसमें भाग लेने के लिए पाकिस्तानी निर्णय निर्माता व्यापक विचार-विमर्श कर रहे हैं, क्योंकि कुछ मुद्दों के कारण इस्लामाबाद के लिए अंतिम फैसला करना मुश्किल हो रहा है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने इसकी सूचना दी।
समाचार पत्र की रिपोर्ट में घटनाक्रम से परिचित सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि शिखर सम्मेलन से चीन का बहिष्कार पाकिस्तान के फैसले में देरी के कारणों में से एक माना जाता है।
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि चीन ने वर्चुअल समिट में पाकिस्तान की भागीदारी पर आपत्ति नहीं जताई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने फैसले की घोषणा में देरी का कारण बताते हुए कहा, कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर पाकिस्तान सरकार फिलहाल गौर कर रही है।
बाइडेन गुरुवार और शुक्रवार को वर्चुअल समिट का आयोजन करेंगे। उन्होंने भारत, पाकिस्तान, नेपाल और मालदीव के दक्षिण एशियाई देशों सहित 100 से अधिक देशों के नेताओं को आमंत्रित किया है।
व्हाइट हाउस ने चीन और रूस को निमंत्रण नहीं भेजा, लेकिन ताइवान को निमंत्रण दिया गया है, जिस पर बीजिंग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
यह कहा गया है कि व्हाइट हाउस ने आमंत्रित लोगों से उनकी भागीदारी की पुष्टि करने के लिए कहा था। पाकिस्तान पिछले हफ्ते इसकी घोषणा करने वाला था, लेकिन आंतरिक परामर्श की वजह से इसमें देरी हुई।
राजनयिक सूत्रों के अनुसार सोमवार तक पाकिस्तान ने व्हाइट हाउस को आधिकारिक रूप से कोई जवाब नहीं दिया था।
अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर मतभेदों से पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते तनावपूर्ण हैं। तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद खान द्वारा दिए गए कुछ बयानों को व्हाइट हाउस ने पसंद नहीं किया है।
एक अन्य कारण जिससे अमेरिकी निमंत्रण पर अंतिम निर्णय में देरी हो रही है, वह रिपोर्ट है कि अमेरिकी ट्रेजरी लोकतंत्र को कमजोर करने वाले लोगों के खिलाफ प्रतिबंध लगाएगी। मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन और भ्रष्टाचार में शामिल लोगों पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा।
लेकिन एक राजनयिक सूत्र ने स्पष्ट किया कि शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेने का मतलब यह नहीं है कि देश को किसी भी प्रतिबंध का सामना करना पड़ेगा।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…