सपा सरकार में होता था दलितों पर अत्याचार : योगी…

सपा सरकार में होता था दलितों पर अत्याचार : योगी…

आज़मगढ़, 06 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) की पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार में दलितों का जमकर शोषण होने का आरोप लगाते हुये दावा किया कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने पर कमजोर वर्गों के खिलाफ हो रहा जुल्म खत्म हुआ है। योगी ने सोमवार काे अखिलेश के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ की सगड़ी तहसील में विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण करते हुये सपा अध्यक्ष पर जमकर हमला बोला। यहां जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने बाबा साहेब डा अंबेडकर के नाम पर राजनीति तो की, लेकिन जब भी गरीबों और दलितों पर अत्याचार होता था, तब वे लोग मौन साध लेते थे। उन्होंने वरिष्ठ सपा नेता आज़म खां पर भी निशाना साधते हुए कहा, “याद कीजिये, जब सपा सरकार के समय आजम खान मंत्री थे, उस समय रामपुर में दलितों को उजाड़ा जा रहा था। तब सपा अत्याचार करा रही थी और बसपा एवं कांग्रेस मौन थे। अगर उस वक्त किसी ने आंदोलन किया, तो वह भाजपा थी।” उन्होंने कहा, “सपा सरकार के वक्त अराजकता ही उसका पर्याय बन गया था। देश के अंदर एक नारा चला था। जिस गाड़ी में सपा का झंडा, समझो उसको अंदर बैठा जाना पहचाना गुंडा। लेकिन, गुंडागर्दी की कमर तोड़ने का काम हमारी सरकार ने किया है।”
योगी ने कहा कि आजमगढ़, सपा के गुंडाराज का सबसे बड़ा भुक्तभोगी था। आजमगढ़ के नौजवान जब बाहर जाते थे तो उन्हें धर्मशाला या होटल में कमरा नहीं देता था। ये काम उन लोगों ने किया, जिन्होंने कोरोना काल मे आजमगढ़ को लावारिस छोड़ दिया।
उन्होंने कोरोना काल में अखिलेश के आजमगढ़ के लोगों से दूरी बनाने का आरोप लगाते हुये कहा, “कोरोना काल में मोदी जी देश के लोगों का हालचाल ले रहे थे। मैं भी प्रदेश में लोगों के हालचाल ले रहा था और उस समय आजमगढ़ का तीन बार मैंने दौरा किया। हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज में जाकर लोगों का हालचाल लिया।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में आजमगढ़ के सांसद नदारद थे। उनका कहीं पता ही नहीं था। उन्होंने कहा, “एक बार मैंने पूछा भी कि सभी सांसदों का हालचाल लिया जा रहा है, वो (अखिलेश) कहां है, तो पता लगा कि इंग्लैंड गए है। दूसरी बार मालूम किया, तब पता लगा कि वह ऑस्ट्रेलिया गए हैं। आजमगढ़ के लोगों ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जाने के लिए तो उन्हें नहीं चुना था।”

संवाददाता मोहम्मद उरूज़ की रिपोर्ट…