मुकेश छाबड़ा : 83 की कास्टिंग का उद्देशय पूरे देश को हर किरदार से जोड़ना था…
मुंबई, 5 दिसम्बर। रणवीर सिंह अभिनीत फिल्म 83 के ट्रेलर ने दर्शकों का दिल जीत लिया है। फिल्म ऐतिहासिक भारतीय क्रिकेट टीम और 1983 विश्व कप जीतने की उनकी यात्रा को दशार्ती है, वहीं फिल्म की कास्टिंग ने भी लोगों का ध्यान खींचा है।
फिल्म में दीपिका पादुकोण, पंकज त्रिपाठी, बोमन ईरानी, ताहिर राज भसीन, जीवा, साकिब सलीम, जतिन सरना, हार्डी संधू, साहिल खट्टर और एमी विर्क जैसे अभिनेताओं की एक शानदार कास्ट है। इन प्रतिभाओं को एक साथ लाने वाले जिम्मेदार व्यक्ति शीर्ष कास्टिंग निर्देशक मुकेश छाबड़ा हैं।
मुकेश ने साथ 83 की कास्टिंग प्रक्रिया, देश भर के जाने-माने नामों को कास्ट करने के पीछे के विचार और फिल्म के निर्देशक कबीर खान के साथ काम करने के अपने अनुभव के बारे में बात की।
फिल्म की कास्टिंग कैसे शुरू हुई, इस बारे में बात करते हुए मुकेश ने कहा, 83 की कास्टिंग की सबसे अच्छी बात यह थी कि हर कोई जानता है कि वह पल क्या था, वह ऐतिहासिक घटना क्या थी। हम इन लोगों को जानते हैं, हमने इन लोगों के बारे में पढ़ा है। आखिरकार जब निर्देशक कबीर खान ने मुझे कहानी सुनाई, तो मैं कहानी से जुड़ गया, यह इतना महत्वपूर्ण और भावनात्मक थी।
उन्होंने कहा, मुझे गैंग्स ऑफ वासेपुर, बजरंगी भाईजान से लेकर दिल्ली क्राइम तक हमेशा मुश्किल कास्टिंग प्रोजेक्ट मिले हैं, लेकिन यह भी एक मुश्किल कास्टिंग थी।
इस पैमाने की एक परियोजना के लिए इतिहास और पटकथा के पन्नों में उकेरे गए पात्रों को चेहरा देने के लिए नैदानिक सटीकता और समय की आवश्यकता होती है।
यह पूछे जाने पर कि क्या इस परियोजना की समय सीमा के बीच उनके पास समय की विलासिता है, उन्होंने कहा, इस फिल्म को कास्ट करने में मुझे एक साल से अधिक का समय लगा क्योंकि अभिनेताओं के संबंध में बहुत सी चीजें थीं जिनकी हमें आवश्यकता थी। उनको क्रिकेट खेलना जानना चाहिए था, उनकी भाषा और उनकी संस्कृति को संबंधित पात्रों के साथ मेल खाना था। हार्डी संधू, एमी विर्क और जीवा जैसे बेहद लोकप्रिय नामों को कास्ट करने के पीछे का विचार यह था कि पूरे देश को प्रत्येक चरित्र से जुड़ना चाहिए।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट