एलआईसी ने आईपीओ से पहले एनपीए के मोर्चे पर अपनी स्थिति में किया सुधार..
नयी दिल्ली, 05 दिसंबर । सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के पहले अपनी परिसंपत्ति की गुणवत्ता में खासा सुधार किया है।
एलआईसी की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च, 2021 तक उसकी गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 35,129.89 करोड़ रुपये थीं, जबकि उसका कुल पोर्टफोलियो 4,51,303.30 करोड़ रुपये का था।
एलआईसी ने बताया कि भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के दिशानिर्देशों के अनुरूप उसने एनपीए के लिए 34,934.97 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रावधान भी किए हुए हैं।
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी का 31 मार्च, 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में सकल एनपीए का अनुपात 7.78 प्रतिशत है जबकि उसका शुद्ध एनपीए 0.05 प्रतिशत रहा। एक साल पहले उसके ऋण पोर्टफोलियो के प्रतिशत के तौर पर सकल एनपीए 8.17 प्रतिशत, जबकि शुद्ध एनपीए 0.79 प्रतिशत रहा था।
वास्तविक संदर्भ में एलआईसी का वर्ष 2019-20 में एनपीए 36,694.20 करोड़ रुपये था और उसका कुल कर्ज 4,49,364.87 करोड़ रुपये था। बीमा कंपनियों के लिए ऋण दबाव की सीमा बैंकों से अलग होती है। एलआईसी अमूमन अपने सभी एनपीए के लिए पूरा प्रावधान करती रही है।
एलआईसी की वार्षिक रिपोर्ट कहती है, ”प्रबंधन ने परिसंपत्ति गुणवत्ता और रियल एस्टेट, कर्ज एवं निवेश के मोर्चे पर प्रदर्शन की समीक्षा की है। जहां भी जरूरी लगा है वहां पर वित्तीय प्रावधान भी किए गए हैं।”
एलआईसी अगले कुछ महीनों में अपना आईपीओ लाने की तैयारी में है। सार्वजनिक बीमा कंपनी को बाजार में सूचीबद्धता के लिए जरूरी कानूनी संशोधन भी सरकार कर चुकी है। इस संशोधन के मुताबिक, सरकार एलआईसी में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी अगले पांच वर्षों तक अपने पास रखेगी और उसके बाद उसे घटाकर न्यूनतम 51 प्रतिशत पर लाएगी।
संशोधित कानून के मुताबिक, एलआईसी की अधिकृत शेयर पूंजी 25,000 करोड़ रुपये होगी जिसे 10 रुपये मूल्य के 2,500 करोड़ शेयरों के रूप में बांटा जाएगा। आईपीओ में दस फीसदी शेयर मौजूदा बीमाधारकों के लिए आरक्षित होंगे।
आईपीओ आने और बाजार में सूचीबद्ध हो जाने के बाद एलआईसी का बाजार मूल्यांकन करीब 8-10 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट