नौ महीने से फरार चल रहे नौ पुलिसकर्मियों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित…

नौ महीने से फरार चल रहे नौ पुलिसकर्मियों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित…

  कृष्णा यादव “पुजारी” (फाइल फोटो) 👆

पुजारी यादव के घर जांच करने पहुंची सीबीआई 👆

बेटे की तस्वीर को निहारते मां सत्ता देवी 👆

हाईकोर्ट की फटकार के बाद सीबीआई ने उठाया कदम, परिजनों में न्याय की आस जगी…

पुलिस ने पीट-पीटकर मार डाला था सपा कार्यकर्ता को !..

लखनऊ/जौनपुर। नौ महीने पहले सपा कार्यकर्ता कृष्णा यादव उर्फ पुजारी को पीट-पीटकर मार डालने के मामले में फरार चल रहे जौनपुर पुलिस के आरोपी नौ पुलिसकर्मियों पर हाईकोर्ट की फटकार के अब सीबीआई ने 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। जिन पुलिसकर्मियों पर इनाम घोषित किया गया है, उनमें बक्शा थाने के तत्कालीन एसओ अजय कुमार सिंह, कांस्टेबल कमल बिहारी बिंद, राजकुमार, जितेंद्र सिंह एवं एसओजी प्रभारी पर्व कुमार सिंह, कांस्टेबल श्वेत प्रकाश, हेड कांस्टेबल जयशील तिवारी, अंगद चौधरी व राजन सिंह शामिल है। सीबीआई ने इन सभी का पोस्टर भी जारी किया है। सीबीआई के इस कदम के बाद पुजारी यादव के मिर्जापुर गांव में इंसाफ की आस जगी है।
बताते चलें कि जौनपुर के बक्सा थाने में 9 महीने पहले सपा कार्यकर्ता पुजारी यादव की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी, जिसकी सीबीआई जांच चल रही थी। बक्सा थाना के मिर्जापुर निवासी कृष्णा यादव उर्फ ‘पुजारी’ को 11 फरवरी 2021 को रात 8 बजे पुलिस और एसओजी की टीम छिनैती के केस में पूछताछ के लिए घर से ले गयी थी। थाने ले जाकर पुलिस वालों ने उसे मारा-पीटा था। आरोप है कि पुलिस की पिटाई से ही उसकी मौत हुई है। 8 सितंबर 2021 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस कस्टडी में हुई कृष्णा यादव के मौत की जांच सीबीआई कर रही है।
हाईकोर्ट की फटकार के बाद घोषित हुआ इनाम…
आरोपी पुलिसकर्मियों की अभी तक गिरफ्तारी न होने के चलते हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई को फटकार लगाए जाने के बाद कल सीबीआई ने फरार चल रहे पुलिसकर्मियों पर इनाम घोषित किया। हाईकोर्ट के आदेश पर ही सीबीआई की लखनऊ स्पेशल क्राइम ब्रांच ने इस मामले में केस दर्ज किया था। पुजारी यादव की मां सत्ता देवी उस मंजर को याद कर रो पड़ती हैं, जब उनके बेटे को घर से पीटते हुए पुलिसकर्मी ले गए थे और हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में छोड़ कर भाग गए थे। इसको लेकर परिजनों और आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा जमकर हंगामा व लखनऊ-वाराणसी मार्ग को भी जाम कर दिया गया था। इस मामले में 9 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था।
पुजारी यादव पर नहीं था एक भी मामला. . . . .
पुजारी को याद कर भाई अजय की आंखें नम हो जाती हैं, वे कहते हैं उनके भाई पर एक भी एनसीआर नहीं दर्ज थी। पुलिस वालों ने पीट-पीटकर कर उसे मौत के घाट उतार दिया। पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी न होने को लेकर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी। 2 महीने पहले ही गैर जमानती वारंट को अमल में लाने का एक और मौका कोर्ट ने जांच करने वाली सीबीआई टीम को दिया है। कोर्ट ने सीबीआई के एक बयान पर उसका स्पष्टीकरण भी मांगा है। जिसमें सीबीआई की तरफ से यह दलील दी गई थी कि जांच पूरी होने के बाद ही आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी हो पाएगी। (25 नवंबर 2021)

विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,