सरकार इलेक्ट्रोलाइजर के अनुसंधान, विकास को बढ़ावा देने के लिये जल्द लाएगी योजना…
नयी दिल्ली, 24 नवंबर | केंद्रीय मंत्री भगवंत खुबा ने बुधवार को कहा कि इलेकट्रोलाइजर के मामले में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिये जल्दी ही एक योजना शुरू की जाएगी। यह देश में नवकीरणीय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में कदम है।
इलेक्ट्रोलाइजर एक प्रणाली है जो रसायनिक प्रक्रिया (इलेक्ट्रोलाइसिस) के जरिये हाइड्रोजन का उत्पादन करती है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री खुबा ने यह बात सेंट्रल बोर्ड ऑफ इरिगेश्न एंड पावर द्वारा यहां आयोजित हाइड्रोजन ऊर्जा – नीतियों, बुनियादी ढांचा विकास और चुनौतियों पर पहले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।
अपने संबोधन में खुबा ने सीओपी26 (जलवायु परिवर्तन सम्मेलन) में देश में कार्बन उत्सर्जन शुद्ध रूप से शून्य स्तर पर लाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा को रेखांकित किया।
भारत ने 2030 तक 5,00,000 मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा और 2070 तक शुद्ध रूप से कार्बन उत्सर्जन शून्य स्तर पर लाने का लक्ष्य रखा है।
मंत्री ने आईआईटी और अन्य संगठनों के प्रौद्योगिकीविदों से हाइड्रोजन ऊर्जा के क्षेत्र में अधिक से अधिक शोध करने का आग्रह किया ताकि इलेट्रोलाइजर के उत्पादन की लागत को कम करने में मदद मिल सके।
उन्होंने कहा कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय इसके लिए एक योजना ला रहा है।खुबा ने उम्मीद जतायी कि 24 नवंबर से शुरू दो दिवसीय सम्मेलन हाइड्रोजन ऊर्जा के लिए भविष्य की चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने और समाधान खोजने में सक्षम होगा।
सम्मेलन में देश के 60 संगठनों के करीब 200 प्रतिनिधि और जर्मनी, जापान और स्वीडन के तीन अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में हाइड्रोजन के क्षेत्र में पिछले कुछ साल में देश में हुए विकास को रेखांकित किया जाएगा।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट