आपदा प्रबंधन ऑडिट पर ‘मार्गदर्शन’ से एसडीजी संबंधी जोखिम के आकलन में मदद मिलेगी: कैग..
नयी दिल्ली, 24 नवंबर । भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) गिरीशचंद्र मुर्मू ने कहा है कि आपदा प्रबंधन ऑडिट पर ‘मार्गदर्शन’ से सरकारों को 2030 तक समग्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने के लिए जोखिमों का आकलन और समाधान करने में मदद मिलेगी।
मुर्मू ने मंगलवार शाम आईएनटीओएसएआई नॉलेज शेयरिंग एंड नॉलेज सर्विसेज कमेटी (एसकेसी) के अध्यक्ष के रूप में अपने संबोधन में यह बात कही।
एक बयान के अनुसार, 75वीं आईएनटीओएसएआई संचालन बोर्ड की बैठक में उन्होंने आपदा प्रबंधन के ऑडिट और निजीकरण के ऑडिट पर महत्वपूर्ण दिशानिर्देशन दस्तावेज प्रस्तुत किए।
मुर्मू ने जोर देकर कहा कि सामूहिक प्रयास की वजह से ही सार्वजनिक ऑडिट (लेखा परीक्षा) पेशे में क्रांतिकारी बदलाव और असाधारण नतीजे हासिल होंगे।
बयान में कहा गया, “उन्होंने आशा व्यक्त की कि आपदा प्रबंधन के ऑडिट पर मार्गदर्शन से सरकारों को तेजी से प्रणालीगत और जटिल आपदा से संबंधित जोखिम का आकलन करने तथा 2030 के सतत विकास के समग्र एजेंडा को हासिल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सामूहिक प्रयास को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट